नरेन्द्र ¨सह ने आरा लोस सीट पर ठोंकी दावेदारी
लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में भले ही एनडीए के घटक दलों में सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय हो गया हो, लेकिन सीटों की दावेदारी अभी शांत नहीं हुई है।
आरा । लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में भले ही एनडीए के घटक दलों में सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय हो गया हो, लेकिन सीटों की दावेदारी अभी शांत नहीं हुई है। जदयू के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री नरेन्द्र ¨सह ने शनिवार को इशारों ही इशारों में आरा लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है। हालांकि उन्होंने अपनी दावेदारी के पीछे अगर-मगर जैसे शब्दों का भी प्रयोग किया। पूर्व मंत्री नरेन्द्र ¨सह शनिवार को आरा के सर्किट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। मौका था महाराणा प्रताप और दानवीर भामा शाह स्मृति समारोह की तैयारियों का। इन दोनों महापुरुषों का स्मृति समारोह आगामी 20 फरवरी को पटना के रविन्द्र भवन में आयोजित होगा। नरेन्द्र ¨सह ने कहा कि अगर भाजपा अपने अंदरुनी कारणों से आरा लोकसभा सीट से सांसद व केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके ¨सह को यहां से टिकट नहीं देती है, तो जदयू की तरफ से इस सीट पर मेरी भी दावेदारी होगी। महाराणा प्रताप व भामा शाह स्मृति की तैयारियों को लेकर शनिवार को आरा के सर्किट हाउस में आयोजित इस बैठक में लोजपा से नाराज चल रहे सांसद रामकिशोर ¨सह उर्फ रामा ¨सह को भी भाग लेना था। लेकिन वह बैठक में नहीं आ सके। हालांकि इस बैठक में जिला लोजपा के कई नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे। बता दें कि आरा लोकसभा सीट को लेकर एनडीए में भले ही फिलहाल कोई विवाद नहीं दिखता। लेकिन नरेन्द्र ¨सह ने इस सीट पर अपनी दावेदारी ठोंककर एनडीए की अंदरुनी राजनीति को हवा दे दी है। क्योंकि जदयू की पूर्व सांसद मीना ¨सह को भी एनडीए की तरफ से आरा लोकसभा सीट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। नरेन्द्र ¨सह ने जातीय राजनीति पर भी चोट किया। आज हमारा देश आस्था के संकट का सामना कर रहा है। जाति और धर्म का उन्माद इसे दीमक की तरह चांट रहा है। गिरावट का आलम यह है कि देश के निर्माताओं, योद्धाओं और शहीदों की जयंती या पुण्यतिथि उसी जाति के लोग मना रहे हैं, जो उन महापुरुषों की जाति से आते हैं। इस संवाददाता सम्मेलन में नरेश साव, श्रीकुमार ¨सह, विजय ¨सह मुखिया, वीरमणि ¨सह, अर¨वद ¨सह, विनोद ¨सह मुखिया और सुनील ¨सह उपस्थित थे।