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कुख्यात रंजीत की निशानदेही पर विधायक का रिश्तेदार गिरफ्तार

पटना । राजधानी पुलिस की विशेष टीम ने औरंगाबाद जिले से दबोचे गए टॉप-5 अपराधी रंजीत चौध

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 03:02 AM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 03:02 AM (IST)
कुख्यात रंजीत की निशानदेही पर विधायक का रिश्तेदार गिरफ्तार

पटना । राजधानी पुलिस की विशेष टीम ने औरंगाबाद जिले से दबोचे गए टॉप-5 अपराधी रंजीत चौधरी की निशानदेही पर गुरुवार को भोजपुर के उदवंतनगर थाना क्षेत्र से राजद विधायक अरुण कुमार यादव के रिश्तेदार राज नारायण सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उसके घर से 3.15 बोर की गैर लाइसेंसी रायफल बरामद हुई है।

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रंजीत ने कबूल किया है कि उसके पास दर्जनभर एके-47 हैं, जिसे उसने कुछ सफेदपोश लोगों को सौंप दिया है। इनमें से एक हथियार विधायक के समधी अवधेश यादव के पास भी है। इसके बाद पुलिस ने उसके घर की छापेमारी की, जहां से रेगुलर रायफल बरामद हुई। रायफल के साथ अवधेश के भाई राज नारायण को गिरफ्तार किया गया।

रंजीत पर विभिन्न थानों में एक दर्जन से अधिक संगीन कांड दर्ज हैं। उसने 16 दिसंबर 2013 को बेलाउर पंचायत की मुखिया की गर्भावस्था में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके अलावा आरा के नवादा थाना क्षेत्र निवासी डॉ. उदयकांत चौधरी से रंगदारी की मांग की थी। रकम नहीं मिलने पर जान से मारने की नीयत से फाय¨रग की, जिसमें वह बाल-बाल बच गए। इस घटना के बाद रंजीत ने डॉक्टर से रंगदारी वसूल ली। झारखंड के जमशेदपुर में जुबली पार्क के पास नामी ठेकेदार रामशक्ल यादव को रंजीत ने मार गिराया था। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि एके-47 और गिरोह की सदस्यों की तलाश में छापेमारी चल रही है।

मिली थी छह लाख की पिस्टल

रंजीत की गिरफ्तारी के लिए पटना पुलिस की टीम ने औरंगाबाद जिले के सिंदुआर पंचायत के मुखिया पिंटू शर्मा के घर छापेमारी की थी। उसके पास से यूएसए की बेरेटा कंपनी की नाइन एमएम पिस्टल बरामद हुई, जिसकी कीमत लगभग छह लाख रुपये बताई जा रही है। इसके अलावा 3.15 बोर की रेगुलर रायफल, बिंडोलिया, दो नाली बंदूक और विभिन्न बोर के 53 कारतूस बरामद हुए।

सुपारी लेकर करता था हत्याएं

रंजीत गिरोह का मुख्य पेशा रंगदारी वसूलना है। लेवी नहीं मिलने पर वे गोलीबारी करते थे। इसके बाद गिरोह ने सुपारी लेकर हत्याएं करना शुरू कर दिया। गिरोह का सरगना रंजीत कई बार जेल जा चुका है। कई जेलों में उसके गुर्गे बंद हैं, जो अंदर रहकर ही गिरोह को सहयोग देते हैं।


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