फर्जीवाड़ा कर अभियंता के सरकारी खाते से 6.58 लाख की अवैध निकासी
सोन नहर प्रमंडल आरा के कार्यपालक अभियंता के सरकारी खाते से फर्जीवाड़ा कर करीब छह लाख 58 हजार रुपये की अवैध निकासी किए जाने का मामला सामने आया है।
आरा। सोन नहर प्रमंडल ,आरा के कार्यपालक अभियंता के सरकारी खाते से फर्जीवाड़ा कर करीब छह लाख 58 हजार रुपये की अवैध निकासी किए जाने का मामला सामने आया है। इसे लेकर कार्यपालक अभियंता ई. निवासी चन्द्र वर्मा ने आरा नवादा थाना में एफआईआर दर्ज कराया है। जिसके आधार पर पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। धोखाधड़ी के इस मामले को विभाग के उच्च पदाधिकारियों समेत जिलाधिकारी, भोजपुर को अवगत करा दिया गया है। बताया जाता हैं कि सोन प्रमंडल ,आरा के कार्यपालक अभियंता का सरकारी एकाउंट एसबीआई ब्रांच में है। बैंक डिटेल्स की विवरणी से पता चला है कि चेक के जरिए 23 अप्रैल 2020 को 93 हजार 650 रुपये, छह अप्रैल को 97 हजार 707 रुपये, आठ अप्रैल को पहली बार 95 हजार 700 तथा दूसरी बार 92 हजार 700, नौ अप्रैल को 88 हजार 607 रुपये , 15 अप्रैल को 94 हजार 607 रुपये सात अप्रैल को 95 हजार 607 रुपये की अवैध निकासी की गई है। प्राप्त कर्ता के रूप में सरोज कुमार, नवीन कुमार एवं रामदास का नाम अंकित है।
----------
बाक्स
-----
चेकबुक से बिना निर्गत चेक से भी हुई अवैध निकासी
धोखाधड़ी के इस मामले में चौंकाने वाला तथ्य यह है कि कार्यपालक अभियंता के चेकबुक में मौजूद चेक से भी पैसे की अवैध निकासी हुई हैं। बताया जाता हैं कि कार्यपालक अभियंता के चेक संख्या 340748 से लेकर क्रमश: 340754 चेक संख्या के चेक से अवैध निकासी की गई है।कुल सात चेक का इस्तेमाल किया गया है।एफआईआर में यह भी दावा किया गया है कि 340750 से लेकर 340754 तक यानी कुल पांच चेक चेकबुक में उपलब्ध है बावजूद उपरोक्त नंबर के फर्जी चेक से राशि का भुगतान प्राप्त किया गया है। सोन नहर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने प्राथमिकी में यह भी उल्लेख किया है कि 340748 नंबर चेक 16 मार्च 2020 को राशि 10 हजार 452, नवादा मुहल्ले के संजीव कुमार तथा चेक संख्या 340749 16मार्च को ही राशि 10 हजार 452 पटना सिटी निवासी अनीता देवी के नाम से निर्गत हुआ था। जबकि, उपरोक्त चेकबुक नंबर से 93 हजार 650 तथा 97 हजार 707 रुपये की अवैध निकासी हुई है। बैंक से संपर्क किए जाने एवं विवरणी मिलने के बाद अवैध निकासी के बारे में जानकारी मिल सकी। जिसके बाद एफआईआर दर्ज कराया गया।