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चार माह बाद लौटे मलेशिया में बंधक बने आठ युवक

भोजपुर । फर्जी वीजा होने के आरोप में करीब दो माह तक मलेशिया की जेल में बंद रहे पीरो के

By Edited By: Published: Sat, 30 Jan 2016 09:19 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2016 09:19 PM (IST)
चार माह बाद लौटे मलेशिया में बंधक बने आठ युवक

भोजपुर । फर्जी वीजा होने के आरोप में करीब दो माह तक मलेशिया की जेल में बंद रहे पीरो के आठ युवक आज शनिवार को सकुशल अपने घर लौट आये। युवकों के लौटने पर एक ओर जहा उनके परिजन काफी खुश नजर आये वही परिजनों व आसपास के लोगों ने स्थानीय सासद के पहल पर सरकार की ओर से किये गये प्रयास के लिए सरकार को धन्यवाद दिया। शनिवार को मलेशिया से वापस लौटे पीरो गाव निवासी मो शहबाज खान, मो सब्बीर, सगीर खान, तौकीर आलम, मो इसराफिल, इजराईल खान, फिरोज खान और मो राशिद जब शनिवार को अपने परिजनों से मिले तो अपने बच्चों के लिए पिछले कई माह से परेशान उनके परिजनों ने राहत की सास ली।

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बता दें कि विदेश में मजदूरी करने के उद्देश्य से ये युवक एक बिचौलिये के माध्यम से वीजा प्राप्त कर मलेशिया गये थे। लेकिन मलेशिया पहुंचने के साथ ही वहा की पुलिस ने इन युवकों को फर्जी वीजा के आधार पर देश में प्रवेश करने के मामले में 11 अक्टूबर 2015 को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद से ये युवक 31 दिसंबर 2015 तक मलेशिया के जेल में बंद रहे। इधर मलेशिया में पकड़े गये युवको की जानकारी उनके परिजनों मिली, जिसके बाद स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता दिलशाद खान उर्फ लड्डू के प्रयास से इस मामले में स्थानीय राजनीतिक दलों के लोगों ने आरा के सासद आर.के. सिंह और बिहार बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह को मामले की जानकारी देते हुए युवकों को वापस लाने की गुहार लगायी। स्थानीय सासद और सभापति के प्रयास के बाद भारत सरकार ने मलेशिया सरकार से संपर्क किया और 1 जनवरी को युवकों की रिहाई करवायी। इन युवकों की रिहाई में विशाखापट्टनम के जेल आईजी बीके सिंह जो भोजपुर के ही निवासी है, की भूमिका भी काफी सराहनीय रही। मलेशिया के जेल से रिहा होने के बाद 1 जनवरी से 27 जनवरी तक सभी युवक मलेशिया में अवस्थित भारतीय दूतावास में रहे। 28 जनवरी को सभी युवक मलेशिया से भारत के लिए रवाना हुए।


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