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एजाज के करीबियों की तलाश, कोलकाता में पकड़े गए जासूसों से भी संबंध

पाकिस्तानी जासूस एजाज उर्फ कलाम के पकड़े जाने के बाद पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर रविवार को भी उसके करीबियों की तलाश में स्थानीय पुलिस ने कई जगह छानबीन की। पुलिस सूत्रों के अनुसार कोलकाता से पकड़कर लाए गए चार पाक जासूसों का संबंध भी एजाज उर्फ कलाम से है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2015 08:14 AM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2015 08:26 AM (IST)

आरा। पाकिस्तानी जासूस एजाज उर्फ कलाम के पकड़े जाने के बाद पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर रविवार को भी उसके करीबियों की तलाश में स्थानीय पुलिस ने कई जगह छानबीन की।

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अजीमाबाद थानाध्यक्ष श्यामदेव सिंह ने बताया कि तीन दिनों से एजाज की ससुराल अजीमाबाद में गश्ती अभियान चलाया जा रहा है। अभी तक एजाज के किसी करीबी के बारे में ठोस जानकारी नहीं मिल पाई है। ससुर शमशेर के घर आने-जाने वाले हर अनजान पर नजर रखी जा रही है।

जनप्रतिनिधि भी रख रहे हैं नजर

स्थानीय मुखिया सज्जाद अनवर और सरपंच महेंद्र प्रसाद ने बताया कि शनिवार को शमशेर के घर इस घटना के बाद उससे मिलने के लिए कुछ जान पहचान के लोग आए थे। सूचना मिलते ही पुलिस ने पहुंचकर उससे एजाज की पत्नी आसमां और परिजनों से पूछताछ की थी। इलाके के जनप्रतिनिधि और ग्रामीण अजीमाबाद आने-जाने वाले संदिग्ध लोगों पर नजर रख रहे हैं।

कोलकाता में पकड़े गए चार जासूसों से भी संबंध

पुलिस सूत्रों के अनुसार कोलकाता से पकड़कर लाए गए चार पाक जासूसों का संबंध भी एजाज उर्फ कलाम से है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोलकाता एसटीएफ एवं मेरठ की टीम ने पाक जासूसों से अलग-अलग पूछताछ की है।

भारत आने से पहले आइएसआइ ने बुना था जाल

जानकारी मिली हैै कि मेरठ में एजाज को हिरासत में लेकर पूछताछ में कई नए खुलासे सामने आए हैं। पता चला है कि आइएसआई ने एजाज के भारत आने से पहले ही उसकी सुविधाओं के लिए जाल बुन रखा था।

मेरठ पुलिस के अनुसार एजाज ने पाकिस्तान से ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की थी। बावजूद इसके आइएसआइ ने 2013 में उसके भारत आने से पहले ही कोलकाता से आठवीं का प्रमाण पत्र तैयार करा लिया था।

उसके आधार पर उसने भारत में अपना पहचान पत्र बनवाया। वहीं पूछताछ में एजाज ने पुलिस को बताया है कि उसे सिर्फ फोटोग्राफी का जिम्मा सौंपा गया था। वह पाकिस्तान में भी फोटोग्राफी करता था, इसीलिए उसे यह काम सौंपा गया था। भारत की दुर्लभ और सुरक्षा मामलों से जुड़ीं तस्वीरों को आइएसआइ को उपलब्ध कराता था।


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