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गरीबों के लिए आपदा राहत कैंप व सामुदायिक किचन शुरू

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण एवं महामारी को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने गरीब बेबस लाचार एवं मजदूरों समेत कोरोना वायरस से संक्रमित के लिए राहत कैंप के साथ-साथ सामुदायिक किचेन भी शुरू किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 09:06 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 06:10 AM (IST)
गरीबों के लिए आपदा राहत कैंप  व सामुदायिक किचन शुरू
गरीबों के लिए आपदा राहत कैंप व सामुदायिक किचन शुरू

आरा। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण एवं महामारी को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने गरीब, बेबस, लाचार एवं मजदूरों समेत कोरोना वायरस से संक्रमित के लिए राहत कैंप के साथ-साथ सामुदायिक किचेन भी शुरू किया गया है। आरा शहर में क्षत्रिय स्कूल समेत जिले भर में कुल सात जगहों पर आपदा राहत कैंप एवं सामुदायिक किचेन का कार्य शनिवार को शुरू हो गया। क्षत्रिय स्कूल में लोगों के रहने एवं खाने की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से किया गया है। वहीं दूसरी ओर जिले के गड़हनी प्रखंड अंतर्गत रामदहिन उच्च विद्यालय में आपदा राहत केंद्र का संचालन किया जा रहा है, जिसमें अधिकांश लोग बाहर से आए हैं एवं अपने घरों तक नहीं पहुंच पाए हैं अथवा उन्हें खाने-पीने का कोई उपाय नहीं रह गया है। उन्हें राहत देने के लिए इस शिविर का इंतजाम किया गया है। जिला प्रशासन की ओर से संचालित राहत शिविर में उन लोगों का आवसन कराया जाएगा एवं उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही इसमें सोशल डिस्टेंसी को बरकरार रखने के सख्त निर्देश दिए गए है।

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बिहिया (भोजपुर) से संवाद सूत्र के लिए, अलीगढ़ से भोजपुर में रामलीला करने आए एक परिवार को शनिवार को बिहिया में सरकार द्वारा संचालित सामूहिक भोजनालय में मिला पेट भर भोजन। यह परिवार लॉकडाउन के कारण बिहिया में फंसा हुआ है। इस परिवार के पास अब न तो पैसे बचे हैं न फिलहाल अलीगढ़ लौटने की उम्मीद है। यह परिवार एक सप्ताह से बिहिया में फंसा हुआ है। जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के समीप जेक्कारू कसबा के रहने वाले मेंगरा सिंह व उनकी पत्नी ने बताया कि वे अपने 15 वर्षीय बेटे सोनू और 17 वर्षीय बेटी सोनिया के साथ आरा के लक्ष्मणपुर में रामलीला करने के लिए 19 मार्च को आए थे। रामलीला 21 तारीख को समाप्त हो गया परन्तु 22 मार्च से लॉकडाउन लगने के कारण ट्रेन पकड़ने बिहिया पहुंचने के बाद से वे लोग फंसे हुए हैं। जिससे रहने व खाने के लाले पड़ हुए हैं। उनकी परेशानी की जानकारी सबसे पहले स्थानीय पत्रकार बबलू सिंह को मिली जिनके प्रयास से इस परिवार को सामुदायिक भोजनालय में भोजन कराया गया। यह परिवार लौटने तक यही भोजन करेंगे।


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