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ट्रैक्टर के पलटने से युवक की मौत

भोजपुर जिला के कोईलवर थाना क्षेत्र अन्तर्गत जमालपुर मानाचक स्थित बालू घाट के समीप सोमवार की अहले सुबह बालू लदे ट्रैक्टर के पलटने से एक युवक की मौत हो गई। मृतक 19 वर्षीय धनजी कुमार बिद कोईलवर के पचरुखिया कला गांव का निवासी कृष्णा बिद का पुत्र बताया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2020 11:11 PM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 06:15 AM (IST)
ट्रैक्टर के पलटने से युवक की मौत
ट्रैक्टर के पलटने से युवक की मौत

आरा। भोजपुर जिला के कोईलवर थाना क्षेत्र अन्तर्गत जमालपुर, मानाचक स्थित बालू घाट के समीप सोमवार की अहले सुबह बालू लदे ट्रैक्टर के पलटने से एक युवक की मौत हो गई। मृतक 19 वर्षीय धनजी कुमार बिद कोईलवर के पचरुखिया कला गांव का निवासी कृष्णा बिद का पुत्र बताया जा रहा है। वह पेशे से मजदूर बताया जा रहा है। हादसा सुबह पांच बजे के आसपास हुआ। हादसे के बाद चालक ट्रैक्टर लेकर भाग निकला। इसे लेकर संबंधित थाना में ट्रैक्टर चालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसे लेकर काफी देर अफरातफरी मची रही। दोपहर बाद करीब तीन बजे शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल, आरा में कराया गया। बताया जा रहा है कि कोईलवर थाना के पचरुखिया कला गांव निवासी धनजी बिद रोज की तरह सोमवार की सुबह भी मजदूरी करने के लिए जमालपुर-मानाचक बालू घाट पर गया हुआ था इस दौरान अचानक बालू लदे ट्रैक्टर के पलटने से वह दब गया। इस दौरान आनन-फानन में इलाज के लिए कोईलवर पीएससी लाया जा रहा था कि उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। दोपहर करीब डेढ़ बजे कोईलवर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। जांच-पड़ताल के बाद शव को कब्जे में लेकर अंत्यपरीक्षण के लिए सदर अस्पताल, आरा भेजा गया।

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ऊंचाई पर चढ़ने के क्रम में हुआ हादसा

सूत्रों की मानें तो चालक मानाचक बालू घाट से ओवरलोड बालू लेकर जमालपुर बाजार की ओर आ रहा था। रास्ते मे ही ऊंचाई पर चढ़ने के क्रम में ओवरलोड बालू का वजन इंजन नहीं सह पाया और वह खड़े हो उल्टे दिशा में पलट गया। जिसमें ट्रैक्टर दबकर धनजी की मौत हो गई। मौत की खबर पाकर बालू घाट पर बालू लाद रहे मजदूरों का समूह घटनास्थल की ओर दौड़ पड़ा। जहां उसे मृत अवस्था मे ही बाहर निकाला गया।

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तीन भाइयों में मांझिल था धनजी

बताया जाता है कि कोईलवर के पचरुखिया कला गांव निवासी कृष्णा बिद को कुल तीन पुत्र थे। जिसमें धनजी बिद मांझिल था।अभी शादी नहीं हुई थी।वह मेहनत-मजदूरी कर परिवार का जीवकोपार्जन चलाने में मदद करता था। हादसे में मौत के बाद पिता कृष्णा बिद और मां धनौती देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। आसपास के लोग ढांढस बंधाने में लगे हुए थे। दो बेटे बासगीत और त्रिलोकी दंपती का सहारा बच गए हैं।


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