खेतों में फसल अवशेष जलाने वाले किसान तीन साल के लिए अनुदान से होंगे वंचित
खेतों में फसल अवशेष जलाने वाले किसान सरकारी अनुदान से तीन साल तक वंचित रहेंगे।
आरा। खेतों में फसल अवशेष जलाने वाले किसान सरकारी अनुदान से तीन साल तक वंचित रहेंगे। पंचायत स्तर पर वैसे किसानों की सूची तैयार करने का आदेश किसान सलाहकार को दिया गया है। कृषि विभाग के सचिव ने यह आदेश गुरुवार को जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा को वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से फसल अवशेष प्रबंधन की समीक्षा में दिया। समीक्षा बैठक में सचिव ने कहा कि पंचायतों मे प्रतिनियुक्त कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार के माध्यम से फसलों के अवशेषों को जलाने वाले कृषकों की सूची प्राप्त करेंगे। साथ ही उन किसानों को कृषि विभाग के द्वारा कार्यान्वित योजनाओं के लाभ से अगले तीन साल के लिए वंचित रखा जायेगा। उन्होंने फसल अवशेष जलाए जाने में जिले के सात संवेदनशील प्रखंडों यथा तरारी, पीरो, जगदीशपुर, बिहियां, चरपोखरी, गड़हनी एवं उदवंतनगर में लगातार निगरानी रखने का निर्देश दिया, ताकि कोई किसान कटनी के उपरांत खेतों में पराली न जलाए। पिछले खरीफ मौसम में जिन कृषकों के द्वारा फसल कटनी के उपरांत खेतों में पराली जलाया गया है, उसकी सूची तैयार करते हुए उन किसानों पर निगरानी रखें, ताकि उनके द्वारा पुन: रबी फसल कटने के उपरांत पराली नहीं जलाया जाए। जिन किसानों के द्वारा अपने खेतों में फसल अवशेष जलाया जाता है, उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई भी किया जाएगा। किसानों को कम्बाईन हार्वेस्टर का उपयोग करने का आदेश दिया है। साथ ही बिना परमिट के कम्बाईन हार्वेस्टर का उपयोग नहीं किया जाएगा। पराली जलाने से होने वाले नुकसान का व्यापक प्रचार-प्रसार कराने का निर्देश जारी किया गया। आदेश जारी होते ही किसानों में हड़कंप मच गया।