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गांवों में पहुंचा कला व संस्कृति विभाग का जत्था

राज्य सरकार द्वारा दहेज, बाल विवाह व शराबबंदी को लेकर शुरू किए गए अभियान के तहत

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Dec 2017 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 18 Dec 2017 03:01 AM (IST)
गांवों में पहुंचा कला व संस्कृति विभाग का जत्था
गांवों में पहुंचा कला व संस्कृति विभाग का जत्था

भोजपुर। राज्य सरकार द्वारा दहेज, बाल विवाह व शराबबंदी को लेकर शुरू किए गए अभियान के तहत लोगों को जागरूक बनाने के लिए कला व संस्कृति विभाग का कला जत्था रविवार को पीरो प्रखंड के गांवों में पहुंचा। जहां कला जत्था में शामिल कलाकारों ने नुक्कड़ नाटकों व गीत संगीत के माध्यम से नशाखोरी, दहेज प्रथा व बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों पर प्रहार करते हुए लोगों को इन सामाजिक बुराइयों के खिलाफ खड़ा होने के लिए प्रेरित किया। प्रखंड के नोनार, नायक टोला, रजेया सहित अन्य पंचायतों में पहुंचे कलाकारों का ग्रामीणों द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया और इनकी जगह-जगह हुई प्रस्तुति को लोगों ने जमकर सराहा। इस दौरान कलाकारों ने खुले में शौच को सामाजिक पिछडे़पन व बीमारियों का सबब बताते हुए लोगों को शौचालय का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया। जत्थे के लीडर अंजनी कुमार ने 'ना चराई बकरियां, बेटी पढ़े जाई स्कूल हो. कि प्रस्तुति देकर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। अन्य कलाकारों में वीरेन्द्र कुमार ओझा, रतन देवा, नर्मदेश्वर प्रसाद, इंदरजीत पांडेय, अनिल राम व शालिनी श्रीवास्तव ने नुक्कड़ नाटकों में जीवंत प्रस्तुति के द्वारा लोगों को दहेज प्रथा, बाल विवाह व शराब खोरी का ना कहने के लिए विवश कर दिया।

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