10 दिनों से नहीं मिल रहा भोजपुर को इंद्रपुरी बराज का पानी
बुधवार से आद्र्रा नक्षत्र चढ़ गया और धान की खेती का उत्तम समय भी आ गया।
जागरण संवाददाता, आरा : बुधवार से आद्र्रा नक्षत्र चढ़ गया और धान की खेती का उत्तम समय भी आ गया। सोन नहर प्रणाली के द्वारा नासरीगंज लख होते हुए 10 दिनों से पानी नहीं मिल रहा है। मौसम विभाग मानसून आने का दिलाशा दे रहा है, लेकिन एक-दो बार कुछ देर के लिए बारिश के अलावा अभी आकाश भी साफ है। गुरुवार को भी धरती तपती रही और कहीं बारिश नहीं हुई।
नहर विभाग के सूत्रों ने बताया कि सोन के ऊपरी हिस्से में बारिश नहीं होने से रिहंद व वाण सागर में पानी रिजर्व क्षमता से आधे से भी कम है। इसके कारण 12 जून से नासरीगंज लख से पानी नहीं मिल रहा है। इंद्रपुरी बराज से भोजपुर, रोहतास और बक्सर जिले को रिहंद से 80 प्रतिशत पानी मिलता है, शेष वाण सागर से मिलता है। विगत तीन दिनों में रिहंद से 10 हजार क्यूसेक पानी मांगा गया, लेकिन वह मात्र 350 क्यूसेक मिला। उसी तरह वाण सागर से तीन दिनों में सात हजार क्यूसेक पानी मांगा गया, लेकिन सोन बराज को मिला मात्र एक हजार क्यूसेक पानी। इतना कम पानी मिल रहा है कि नहरों में बहाव ज्यादा देर तक टिक नहीं पा रहा है और टेल एंड सूखे ही रह जार रहे हैं। इससे किसानों की परेशानी और हताशा का सहज ही अंदाज किया जा सकता है। उनके लिए बिचड़ों को बचाना मुश्किल हो रहा है।
----- सोन नहर से 86,495 हेक्टेयर में धान की खेती भोजपुर जिले में धान की खेती में सोन नहर का अहम रोल है। सोन नहर के पानी से 86,495 हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की जाती है। जिले में यह क्षेत्र पूरी तरह से सोन नहर प्रणाली पर निर्भर है। पानी नहीं मिलने के कारण अधिसंख्य किसान खेतों में बिचड़ा नहीं डाल सके हैं। जिले में 11657 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा डालने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक मात्र 4229 हेक्टेयर खेत में बिचड़ा डाला गया है। कृषि विभाग के अनुसार जून माह में जिले में औसत बारिश 49.8 एमएम होती है। जबकि, इस साल अबतक जून में मात्र 22.6 एमएम बारिश हुई। इसके कारण किसानों को बिचड़ा डालने में परेशानी बढ़ी है। जबकि, मौसम विभाग इस साल मानसून की चाल सामान्य रहने की बात कह रहा है।