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वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में 9.4 प्रतिशत संस्थानों का ही एक्रिडेशन

पाठ्यक्रमों के 84 शैक्षणिक संस्थान हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Aug 2022 04:02 AM (IST)Updated: Fri, 26 Aug 2022 04:02 AM (IST)
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में 9.4 प्रतिशत संस्थानों का ही एक्रिडेशन
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में 9.4 प्रतिशत संस्थानों का ही एक्रिडेशन

वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में 9.4 प्रतिशत संस्थानों का ही एक्रिडेशन

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जासं, आरा : वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में विभिन्न पाठ्यक्रमों के 84 शैक्षणिक संस्थान हैं। इसमें 10 अंगीभूत और अन्य संबद्ध संस्थान हैं। एनबीए व नैक के माध्यम से 9.4 प्रतिशत संस्थानों का एक्रिडेशन हुआ है। जबकि नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत सभी संस्थानों को एक्रिडेशन कराना जरूरी है। आने वाले दिनों में कार्य का लोड बढ़ेगा, इसके लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) व नेशनल एसेसमेंट एण्ड एक्रिडेशन काउंसिल (नैक) को मिलाकर नेशनल एक्रिडेशन काउंसिल (एनबीसी) बनाने की तैयारी की जा रही है। सरकार की योजना शैक्षणिक संस्थानों के एक्रिडेशन से पहले संसथानों को शैक्षणिक गुणवक्ता का सुधारना पड़ेगा। इसके बाद ही वे मूल्यांकन के लिए संस्थान बेहतर कर पाएंगे।

नए कुलपति के बदलाव के साथ शुरू होती है नैक एक्रिडेशन की चिंता

राजभवन ने नैक को लेकर कई बार दिशा निर्देश जारी किया, लेकिन नैक से एक्रिडेशन के लिए जब-जब कुलपति बदलते हैं, तब-तब चर्चा शुरू हो जाती है। उच्च शिक्षा संस्थान राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद नैक से ग्रेडिंग कराने के लक्ष्य से वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय और इसके आठ कालेज अब तक वंचित हैं। लाखों खर्च के बाद अब तक तैयारी अधूरी ही है। एसएसआर भी अब तक अपलोड नहीं हो सका है। इस वर्ष नैक को ले कई बार कार्यशाला भी आयोजित की गई, लेकिन उसका रिजल्ट नतीजा ठीक नहीं रहा। दिसंबर माह तक का समय विश्वविद्यालय और शेष कालेज जो नैक से नहीं जुड़े हैं, उन्हें कराना है। लाखों खर्च के बाद भी नैक मूल्यांकन की तैयारी धीमी रफ्तार में चल रही है। अभी तक सेल्फ स्टडी रिपोर्ट (एसएसआर) भी तैयार नहीं किया जा सका है।

जबकि नैक की तैयारी के लैब वाले विभाग को डेढ़ लाख तो बिना लैब वाले को एक लाख मिला था। कुछ विभाग ने राशि खर्च की तो कुछ ने नहीं की। पिछले दिनों विभागों से खर्च राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी मांगा था। लाखों रुपये खर्च के बाद विवि कई स्तर पर संसाधनों की कमी से जूझ रहा है। कालेजों की बात की जाय तो उन्हें वर्ष 2016, 2017 और 2018 में तैयारी के लिए राशि दी गई थी। किसी कालेज को एक सत्र में दस लाख तो किसी को यह राशि तीन टर्म के लिए तीस लाख दी गई थी। बावजूद तैयारी नहीं हो सकी।

निम्न कालेजों का हुआ नैक

एचडी जैन कालेज, महाराजा कालेज, जेजे कालेज, एसबी कालेज, एमएम महिला कालेज, आरा, शेरशाह कालेज, सासाराम, महिला कालेज, डालमियानगर, एसवीपी कालेज, भभुआ, एसएन कालेज, शाहमल खैरादेव (रोहतास) शामिल है।


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