नक्सली जोनल कमांडर सिद्धू कोड़ा के शव का हुआ पोस्टमार्टम, पुलिस हिरासत में हुई थी मौत Jamui News
एसटीएफ ने 11 लाख के इनामी नक्सली प्लाटून कमांडर सिद्धू कोड़ा को झारखंड के दुमका स्थित एक घर से शनिवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उसकी मौत हो गई।
जमुई, जेएनएन। पुलिस हिरासत में तबीयत बिगडऩे के बाद नक्सली जोनल कमांडर सिद्धू कोड़ा की मौत हो गई थी। रविवार को मानवाधिकार आयोग की नियमावली के तहत शव का पोस्टमार्टम किया गया। नक्सल घटनाओं को अंजाम देने वाले सिद्धू के स्वजन ने शव प्राप्त करने से इनकार कर दिया है। इधर, माओवादी संगठन की ओर से फिलहाल कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है। बताया जाता है कि दुमका से सिद्धू कोड़ा की गिरफ्तारी के उपरांत उसकी निशानदेही पर एसटीएफ द्वारा चकाई के जंगलों में शनिवार को छापेमारी की जा रही थी। इसी बीच उसने पेट और छाती में दर्द की शिकायत की। तदुपरांत उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल जमुई लाया गया जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इसकी अधिकारिक पुष्टि रात तकरीबन 11:30 बजे की गई।
हालांकि सिद्धू का शव दोपहर बाद ही सदर अस्पताल लाया गया था। जिसे नशा मुक्ति वार्ड में रखा गया था। रविवार की सुबह उसके शव का अंत्यपरीक्षण दंडाधिकारी लखीन्द्र पासवान तथा वीडियो कैमरे की निगरानी में चिकित्सकों की टीम द्वारा किया गया। मानवाधिकार आयोग को लेकर पुलिस नक्सली कमांडर के शव के अंत्यपरीक्षण में फूंक-फूंक कर कदम रख रही थी। यहां बता दें कि मृत नक्सली कमांडर पर बिहार के अलावा झारखंड के विभिन्न थाने में सौ से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं। वह नक्सलियों के मारक दस्ता को लीड करता था तथा उसके नेतृत्व में की गई कार्रवाई में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल के पुत्र अनुप मरांडी, सीआरपीएफ के टूवाइसी हीरा झा सहित ढाई दर्जन पुलिस कर्मियों के अलावा लगभग एक सौ लोग मारे गए। बहरहाल स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए डीइजी मनु महराज शनिवार की शाम से ही जमुई में कैंप कर रहे हैं।
गिरफ्तारी के बाद पेट व छाती में दर्द की शिकायत पर कुख्यात नक्सली सिद्धू कोड़ा को सदर अस्पताल जमुई लाया गया था। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मानवाधिकार आयोग के गाइड लाइन के मुताबिक शव का अंत्यपरीक्षण मेडिकल बोर्ड द्वारा किया गया। - मनु महाराज, डीअइजी, मुंगेर प्रक्षेत्र।
एके-47 और इनसास जब्त, जमुई में गुप्त स्थान पर की जा रही थी पूछताछ
एसटीएफ ने 11 लाख के इनामी नक्सली प्लाटून कमांडर सिद्धू कोड़ा को झारखंड के दुमका स्थित एक घर से शनिवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एके-47 और इनसास जब्त की गई है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
यद्यपि, सिद्धू की गिरफ्तारी की बाबत पुलिस के वरीय अधिकारी कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं। बताया जाता है कि पटना एसटीएफ से मिले इनपुट पर दुमका एसटीएफ ने सिद्धू को दुमका रेलवे स्टेशन से सटे एक घर से गिरफ्तार किया है। सिद्धू अपने एक विश्वस्त सहयोगी से मिलने गया था, तभी वह पुलिस की पकड़ में आ गया। शनिवार देर शाम को गुप्त तरीके से कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच सिद्धू को जमुई लाया गया। यहां पुलिस के वरीय अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं। चकाई थाना के बरमोरिया पंचायत के निहालडीह गांव निवासी सिद्धू कोड़ा 2001 से नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। वह चार जिलों की पुलिस के लिए सिरदर्द बना था। लगभग दो दशकों से वह जमुई, गिरीडीह, नवादा, लखीसराय, बांका और कोडरमा के इलाके में सक्रिय था। बिहार-झारखंड के विभिन्न थानों में उस पर तीन दर्जन से भी अधिक नक्सल मामले दर्ज हैं। खैरा इलाके में सीआरपीएफ के टू वाइ सी हीरा झा की हत्या के बाद सिद्धू नक्सल जगत में चर्चित हो गया था। इधर, उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस चकाई और भेलवाघाटी इलाके में सघन छापेमारी अभियान चला रही है। इसी क्रम में चंद्रमंडी थाना के छिड़पत्थर से सुशील हांसदा और चकाई थाना के हिंडला से एलियास हेंब्रम को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।