सृजन घोटाला : संयुक्त सचिव ने अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी Bhagalpur News
संयुक्त सचिव ने मनी सूट के संबंध में भी जानकारी मांगी। विभाग की ओर से इंडियन बैंक से 39 लाख रुपये वसूली के लिए मनी सूट दायर किया गया है।
भागलपुर, जेएनएन। पंचायती राज विभाग के संयुक्त सचिव ने जिला परिषद में हुए सृजन घोटाला मामले में अब तक की कार्रवाई का ब्योरा मांगा है। संयुक्त सचिव ने डीएम को भेजे पत्र में कहा है कि जिस अवधि में घोटाला हुआ है, उस समय चार चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) अंकेक्षण कर रहे थे। अगर उसी समय मामला पकड़ लिया जाता तो जिला परिषद में इतना बड़ा घोटाला नहीं होता। संयुक्त सचिव ने यह भी पूछा कि चारो चार्टर्ड एकाउंटेंट पर क्या कार्रवाई हुई।
इस मामले में जिला परिषद का कहना है कि उक्त चारो सीए को काली सूची में डाल दिया गया है। संयुक्त सचिव ने मनी सूट के संबंध में भी जानकारी मांगी। विभाग की ओर से इंडियन बैंक से 39 लाख रुपये वसूली के लिए सोमवार को मनी सूट दायर किया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा पर मनी सूट दायर करने की प्रक्रिया चल रही है। घोटाले में शामिल कर्मियों पर क्या कार्रवाई हुई के संबंध में भी 15 दिनों के अंदर जानकारी मांगी गई है।
डीएम ने पंचायती राज विभाग के संयुक्त सचिव के पत्र के आलोक में जिला परिषद से सात दिनों में जवाब मांगा है। जिला परिषद के एक अरब 19 करोड़ 34 लाख 63 हजार 337 रुपये सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के खाते में गए हैं।
2006 से 2009 के बीच जिला परिषद की गई राशि
12 दिसंबर 2006 से 22 अक्टूबर 2009 लक्ष्मी प्रसाद चौहान जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (सीईओ) थे। इनके कार्यकाल में दो करोड़ से अधिक राशि गई। 22 अक्टूबर 2009 से 28 दिसंबर 2012 तक गजानंद मिश्र सीईओ थे। 19 करोड़ 42 लाख चार हजार 150 रुपये बैंक के माध्यम से सृजन के खाते में भेजा गया। 29 दिसंबर 12 से 17 अप्रैल 13 तक प्रभात कुमार सिन्हा सीईओ थे। इनके कार्यकाल में 22 करोड़ 31 लाख 89 हजार 751 रुपये सृजन के खाते में गए। 22 अप्रैल 13 से 12 दिसंबर 14 तक राजीव प्रसाद सिंह रंजन थे। इनके कार्यकाल में 23 करोड़ 76 लाख आठ हजार 809 रुपये सृजन के खाते में गए। 13 दिसंबर 14 से तीन अगस्त 15 तक चंद्रशेखर सिंह सीईओ थे। इनके कार्यकाल में 46 करोड़ 48 लाख 93 हजार 559 रुपये जमा हुए। 18 अगस्त 15 से 23 अगस्त 17 तक अमित कुमार सीईओ थे। इनके कार्यकाल में पांच करोड़ 35 लाख 67 हजार रुपये बैंक के माध्यम से सृजन के खाते में जमा हुए।