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अब लाल आतंक के भटकाव में नहीं फंसेंगे युवा, नक्सलियों के गढ़ में खुलेगा राेजगार का द्वार

बिहार के नक्‍सल प्रभावित मुंगेा में सरकार चालक प्रशिक्षण केंद्र खोलने जा रही है। इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और युवा वर्ग के भटकाव के रास्ते बंद होंगे।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 08:22 AM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 10:17 PM (IST)
अब लाल आतंक के भटकाव में नहीं फंसेंगे युवा, नक्सलियों के गढ़ में खुलेगा राेजगार का द्वार
अब लाल आतंक के भटकाव में नहीं फंसेंगे युवा, नक्सलियों के गढ़ में खुलेगा राेजगार का द्वार

भागलपुर [संजय सिंह]। नक्‍सल प्रभावित मुंगेर में युवा अब लाल आतंक के भटकाव में नहीं फंसेंगे। वहां नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले हवेली खडग़पुर प्रखंड में पांच करोड़ की लागत से जल्द ही बिहार का दूसरा चालक प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा। इसके लिए तीन एकड़ भूमि का चयन किया गया है। प्रशिक्षण केंद्र के लिए राज्य सरकार से पांच करोड़ रुपये की मांग की गई है। इस प्रशिक्षण केंद्र के खुलने से इलाके के बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। सूबे का पहला चालक प्रशिक्षण केंद्र औरंगाबाद में खोला गया है।

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कमजोर पड़ेगा नक्सली संगठन

गरीबी और बेरोजगारी की वजह से ही पूर्व बिहार के जमुई, मुंगेर, लखीसराय और बांका में नक्सलियों को अपनी जड़ मजबूत करने का मौका मिला। यहां नक्‍सली खुलेआम भर्ती अभियान भी चलाते रहे हैं। हाल ही में 15 दिन पूर्व जमुई के पहाड़ी क्षेत्र के गांव में नक्सलियों ने ढोल पीटकर हर घर से एक युवा को संगठन में शामिल होने का न्योता दिया था। संगठन से जुडऩे वाले युवाओं को नक्सली छोटी-मोटी रकम भी देते हैं। लोभ में आकर कई युवा नक्सली संगठन से जुड़ जाते रहे हैं।

इस नक्‍सल प्रभावित इलाके में चालक प्रशिक्षण केंद्र खुलने के बाद युवाओं को रोजगर का अवसर मिलेगा। इसके बाद ऐसे युवा नक्‍सली संगठन के बदले समाज की मुख्‍य धारा से जुड़ेंगे और नक्सली संगठन कमजोर पड़ेगा।

मुंगेर के जिला परिवहन पदाधिकारी रमाशंकर ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है कि प्रशिक्षण केंद्र के लिए तीन एकड़ भूमि का चयन कर लिया गया है। विभिन्न तरह के कार्यों के लिए लगभग पांच करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। राशि जल्द उपलब्ध करा दी जाए तो नए वर्ष में यहां प्रशिक्षण केंद्र शुरू किया जा सकता है।

पूर्व में भी थे कई प्रशिक्षण केंद्र

विदित हो कि इसके पहले हवेली खडग़पुर में बीआइटी मेसरा (रांची) द्वारा ग्रामीण युवाओं के लिए प्रशिक्षण केंद्र खोला गया था। हालांकि, कुछ ही वर्ष बाद इसे बंद कर दिया गया। वहां उद्योग विभाग द्वारा भी युवाओं को चांदी की मछलियां तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जाता था।  प्रशिक्षण प्राप्त कई कारीगरों ने दूसरे प्रदेशों में जाकर काम किया।

क्या होगी प्रशिक्षण केंद्र में व्यवस्था

सूबे का पहला चालक प्रशिक्षण केंद्र औरंगाबाद में खोला गया है। वहां प्रशिक्षणार्थियों के लिए मुफ्त भोजन और आवास की सुविधा भी मुहैया कराई जाती है। प्रशिक्षण केंद्र में गाड़ी चलाने के अलावा विभिन्न प्रकार के वाहनों में लगे इंजन को ठीक करने की भी जानकारी दी जाती है। ऐसी ही व्‍यवस्‍था मुंगेर के प्रशिक्षण केंद्र में भी की जाएगी।


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