World Arthritis Day: जोड़ों के दर्द नहीं करें नजरअंदाज, आपको हो सकती है भारी परेशानी, जानिए
World Arthritis Day गठिया 100 से भी ज्यादा प्रकार का होता है। यह रोग मूलत प्यूरिन नामक प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म की विकृति से होता है। खून में यूरिक ऐसिड की मात्रा बढ़ जाती है। संतुलित भोजन और नियमित जीवन शैली से बचाव हो सकता है।
पूर्णिया, जेएनएन। World Arthritis Day: स्थानीय आकाशवाणी रोड स्थित सहयोग संस्था परिसर में डॉ. अजीत प्रसाद सिंह ने जागरुकता शिविर लगाया। डॉ. अजीत ने बताया कि 12 अक्टूबर को प्रत्येक साल वर्ल्ड आर्थराइटिस डे मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को जोड़ों से जुड़ी इस बीमारी के प्रति सजग बनाना है। बुजुर्गों में ही नहीं बल्कि अब युवाओं चपेट में आ रहे हैं। गठिया यानी आर्थराइटिस से जोड़ों में दर्द और शरीर में अकडऩ आ जाती है जिससे चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। गठिया होने से शरीर में ब्लड प्रेशर, डायबीटीज और हृदय रोग जैसी बीमारी भी हो सकती है।
क्या करना चाहिए
गठिया से बचना है तो नियमित रूप से व्यायाम करें और संतुलित भोजन लें। शरीर में गठिया एक बार हो जाए तो इससे कई और तरह की बीमारियों का कारण हो जाता है। शरीर का वजन बढऩे लगता है। हाइपरटेंशन, डायबीटीज, हार्ट फेल्योर, अस्थमा, कलेस्ट्रॉल, बांझपन समेत कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं।
आखिर क्यों होता है गठिया
गठिया 100 से भी ज्यादा प्रकार का होता है। यह रोग मूलत: प्यूरिन नामक प्रोटीन के मेटाबॉलिज्म की विकृति से होता है। खून में यूरिक ऐसिड की मात्रा बढ़ जाती है। व्यक्ति जब कुछ देर के लिए बैठता या फिर सोता है तो यही यूरिक ऐसिड जोड़ों में इकठ्ठा हो जाता है। जो अचानक चलने या उठने में तकलीफ देता है। शरीर में यूरिक ऐसिड की मात्रा काफी बढ़ जाने पर यह गठिया का रूप ले लेता है। ध्यान न देने पर घुटना, कूल्हा आदि खराब हो जाते हैं। इस कारण कृत्रिम घुटना लगवाने की नौबत तक आ जाती है। हालांकि घुटना रक्षित तकनीक से लंबे समय तक घुटने के दर्द से बचा जा सकता है।
क्या करना चाहिए
अगर जोड़ों में जरा सा भी दर्द या शरीर में हल्की अकडऩ है तो भी सबसे पहले किसी डॉक्टर को दिखाएं। कोशिश करें दिनचर्या नियमित रहे। डॉक्टर की सलाह पर व्यायाम नियमित रूप से करें।
गठिया से कैसे बचें
ऑर्थराइटिस के कारण कार्टिलेज को नुकसान पहुंचता है। यह 70 प्रतिशत पानी से बने होते हैं। ढेर सारा पानी पिएं। कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों जैसे दूध, दुग्ध उत्पादों, ब्रॉकली, मछली, पालक, राजमा, मूंगफली, बादाम, टोफू आदि का सेवन करें। जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए विटमिन सी और डी बहुत जरूरी है। इसलिए विटमिन सी और डी से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे स्ट्रॉबेरी, संतरे, कीवी, अनानास, फूलगोभी, पत्ता गोभी आदि का सेवन करें। कुछ समय धूप में भी बिताएं। यह विटमिन डी का बेहतरीन स्रोत है। वजन को नियंत्रण में रखें। वजन ज्यादा होने से जोड़ों जैसे घुटनों, टखनों और कूल्हों पर दबाव पड़ता है। नियमित रूप से व्यायाम करके ऑर्थराइटिस के खतरे को कम किया जा सकता है।