बकरा कटते देख महिला हुई बेहोश, अब मानक पर होने लगी चर्चा Bhagalpur News
भीखनपुर त्रिमूर्ति चौक जाते वक्त उनकी नजर अचानक एक बकरे पर पड़ी जिसे काटा जा रहा था। यह देखते ही वे बेहोश हो गईं।
भागलपुर [जेएनएन]। भीखनपुर में दोपहर एक महिला खुले में काटे जा रहे बकरे को देखते ही बेहोश हो गई। इससे वहां थोड़ी देर के लिए अफरातफरी मच गई। सबौर थाना क्षेत्र के इंग्लिश गांव की नीलम देवी भीखनपुर रोड से गुजर रही थीं, जहां मांस की दुकानें हैं। यहां बकरे खुले में काटे जाते हैं, कोई पर्दा नहीं है। महिला को जीवन जागृति सोसायटी के एंबुलेंस से तत्काल डॉ. बीके जायसवाल के यहां भर्ती किया गया। स्लाइन चढ़ाने के बाद उन्हें होश आया।
वे दोपहर करीब 12 बजे अपने पुत्र के साथ मॉल आई थीं। भीखनपुर त्रिमूर्ति चौक जाते वक्त उनकी नजर अचानक एक बकरे पर पड़ी, जिसे काटा जा रहा था। यह देखते ही वे बेहोश हो गईं। सोयायटी के सोमेश यादव और राजकुमार यादव की नजर पड़ी तो उन्होंने तत्काल एंबुलेंस की व्यवस्था कर उन्हें डॉक्टर के यहां पहुंचाया। स्वस्थ होने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया। डॉ. अजय कुमार सिंह भी उनसे जानकारी लेने क्लीनिक पहुंचे। डॉ. जायसवाल ने बताया कि महिला का ब्लडप्रेशर लो था।
मानकों की अनदेखी कर खुले में बिक रहे मांस-मछली
शहर में चार सौ अधिक मांस और मछली की दुकानें है। शायद ही कोई ऐसी दुकान हो, जहां मानकों का पालन होता है। अधिसंख्य दुकानों का तो निबंधन भी नहीं है। नगर निगम के नोटिस का भी इन पर असर नहीं पड़ता है। मांस की दुकानों के लिए निबंधन जरूरी है। पशु चिकित्सक द्वारा जांच के बाद ही उसका मांस बेचा जा सकता है। पशुओं का वध खुले में नहीं किया जा सकता है। वह पर्दे में होना चाहिए, दुकान के आगे काला शीशा होना चाहिए। रास्ते से बच्चे भी गुजरते हैं, जिनके मन मस्तिष्क पर इसका गलत असर पड़ सकता है।
मांस-मछली की दुकानों के लिए मानक
- बिक्री के लिए रखे गए पशु मांस को परदे में रखा जाए।
- दुकान व वधशाला के ऊपर छत होनी चाहिए
- दुकान में न्यूनतम 1.8 मीटर तक टाइल्स की व्यवस्था होनी चाहिए
- मोनोलिथिक इपोक्सी युक्त फ्लोर होना चाहिए
- स्टेनलेस स्टील वास बेसिन की व्यवस्था होनी चाहिए
- सेप्टिक टैंक व व्यवस्थित ड्रेन सिस्टम जरुरी
- वेंटिलेशन सिस्टम के साथ एक्सहोस्ट आवश्यक
खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाने को बोर्ड और स्थायी समिति में प्रस्ताव लिए गए थे। लेकिन यह फाइलों में बंद है। नियम की अनदेखी हो रही है। सड़क किनारे पशु मांस की बिक्री नहीं होगी और लाइसेंस लेना भी अनिवार्य होगा। इसके अनुपालन के लिए अधिकारियों की बैठक बुलाएंगे। हमें भी घर से निगम जाने के क्रम में इस स्थिति का सामना करना पड़ता है। - सीमा साहा, मेयर
ढाई वर्षों में तीन बार सामान्य बोर्ड और स्थायी समिति की बैठक में खुले में पशु मांस की बिक्री पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया गया। नगर निगम प्रशासन इस पर अमल नहीं करना चाहता है। जब तक दंडित करने का प्रावधान नहीं लाया जाएगा, लोग इसी तरह नियम को तोड़ते रहेंगे। - राजेश वर्मा, डिप्टी मेयर
रोकथाम के लिए निगम प्रशासन समय-समय पर नोटिस जारी कर दुकानदारों पर कार्रवाई करता है। साथ ही लाउड्स्पीकर से भी कानून से संबंधित जानकारी दी जाती है। खुले में बिक्री करने वालों को हटाया जाता है। नियम का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए नगर आयुक्त से विमर्श किया जाएगा। - सत्येंद्र वर्मा, उप नगर आयुक्त