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शिक्षक नियोजन के नाम पर मोटी रकम की डिमांड करने वाला मेन शिकारी कौन? ठंडे बस्ते में चली गई मधेपुरा वायरल आडियो की जांच!

आडियो जांच के लिए बनाई गई ने अब तक नहीं सौंपी है रिपोर्ट उठे सवाल। डीएम व डीईओ ने बनाई थी जांच कमेटी। 08 लाख रुपये शिक्षक नियोजन के लिए मांगने का आडियो हुआ था वायरल। आडियो वायरल होने के बाद बीईओ को कर दिया गया निलंबित।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 05:53 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 05:53 PM (IST)
शिक्षक नियोजन के नाम पर मोटी रकम की डिमांड करने वाला मेन शिकारी कौन? ठंडे बस्ते में चली गई मधेपुरा वायरल आडियो की जांच!
आडियो वायरल मामले में अब तक नहीं सौंपी गई रिपोर्ट।

संवाद सूत्र, मधेपुरा। मुरलीगंज बीईओ का आडियो वायरल मामले में जिला प्रशासन व डीईओ द्वारा बनाई गई जांच कमेटी दस दिन के बाद भी रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाई है। जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपे नहीं जाने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। लोगों का कहना है कि पहले शिक्षा मंत्री ने बीईओ को निलंबित कर औपचारिकता पूरी कर दी। वहीं अभी तक जांच रिपोर्ट सौंपे नहीं जाने के मामले को लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि सरकार ने बीईओ को निलंबन अवधि में पटना को कार्यक्षेत्र बनाए जाने को भी संदेह की नजर से देख रहे हैं।

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मालूम हो कि मुरलीगंज के बीईओ का शिक्षक नियोजन में व्याप्त धांधली का आडियो वायरल के बाद डीएम श्याम बीमारी मीणा ने 18 सितंबर को दो स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया था। इसमें मधेपुरा के अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुधीर रंजन को अध्यक्ष व एसडीपीओ अजय नारायण को सदस्य बनाया गया था। जांच दल को आदेश दिया गया था कि सभी तत्वों की संयुक्त रूप से जांच पड़ताल कर सारगर्भित संयुक्त जांच प्रतिवेदन अपने स्पष्ट मंतव्य के साथ तीन दिनों के अंदर उपलब्ध करा दें।

वहीं डीईओ ने भी त्रिस्तरीय जांच कमेटी बनाई थी। इसमें स्थापना के डीपीओ सुनील कुमार गुप्ता को अध्यक्ष व एमडीएम के डीपीओ शिवशंकर मिस्त्री तथा कुमारखंड के बीईओ कुमार गुणानंद सिंह को सदस्य बनाया गया था। इस मामले में शिक्षक संघ से जुड़े कुछ नेता ने इस जांच कमेटी पर ही सवाल खड़ा कर दिया था। उन लोगों का कहना था कि जिस पदाधिकारी पर हाल के दिनों में कई आरोप लगाया गया था, उसे ही जांच की जिम्मेदारी दी गई है। यह अपने आप में सवाल है।

नियोजन के खेल में शामिल शिकारी मौन

शिक्षक नियोजन के खेल में भले ही सरकार भद्द पिटते देख आनन-फानन में बीईओ को निलंबित कर दिया था। लेकिन तब यह कयास लगाए जा रहे थे कि इस शतरंज के बिसात का अगला शिकारी कौन है। यद्यपि यह सरकार के जांच की पारदर्शित पर निर्भर करेगा। लोगों का कहना है कि इस खेल में केवल बीईओ ही नहीं बल्कि अन्य खिलाड़ी भी शामिल है। आडियो में हुई वार्ता के आधार पर बीईओ से डीडीसी से लेकर कर्मचारी तक का नाम लिया था। ऐसे में चर्चा का बाजार गर्म है कि कार्रवाई क्या केवल बीईओ तक सीमित रह जाएगा या फिर निगरानी विभाग पूरे जांच के मामले को आगे तक ले जाएगा। शिक्षक संघ से जुड़े एक नेता ने कहा कि आडियो में बताए गए सभी लोगों की संलिप्ता की भी जांच होनी चाहिए।

'चुनावी व्यस्ता के कारण हमलोग जांच रिपोर्ट को सौंप नहीं पा रहे हैं। उम्मीद है कि दो से चार दिन के अंदर जमा कर देंगे।'- अजय कुमार यादव, एसडीपीओ, मधेपुरा


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