बाहर की दवा खरीदने पर नर्स ने टोका तो चिकित्सक ने कहा- ज्यादा डाक्टरी मत करो
भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के आब्स गायनी के बाद अब इमरजेंसी सर्जरी विभाग में चिकित्सक ने मरीज के स्वजन को बाहर से दवा खरीदवाई और नर्स ने टोका कि ये दवाएं अस्पताल में उपलब्ध हैं तो चिकित्सक ने कहा कि ज्यादा डाक्टरी मत करो।
भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के आब्स गायनी के बाद अब इमरजेंसी सर्जरी विभाग में भर्ती मरीजों को जूनियर डाक्टर बाहर की दुकानों से दवा खरीदवा रहे हैं। जो दवाएं खरीदवाई जा रही हैं वे अस्पताल में भी उपलब्ध हैं। नर्स अगर विरोध करती है तो डाक्टर कहते हैं तुम डाक्टरी मत करो। आश्चर्य की बात तो यह है कि मरीज के स्वजन को चिकित्सक खुद दवा दुकान पर लेकर जाते हैं, ताकि उन्हें कमीशन मिल सके।
इमरजेंसी के सर्जरी विभाग के बेड संख्या 16 पर शंभुगंज के आशुतोष को डा. एम कुमार की यूनिट में भर्ती किया गया है। मरीज का आपरेशन हुआ है। स्वजन अजीत कुमार ने कहा कि 22 अक्टूबर को पारासीटामोल, मेरोपेनम सहित अन्य दवाएं खरीदने के लिए मुझे साथ लेकर डाक्टर स्वयं दवा दुकान लेकर चले गए। दवा दुकानदार ने डाक्टर से पूछा कि क्या छूट भी देनी है तो डाक्टर पीछे हट गए और कुछ इशारा किया। करीब 11 सौ रुपये की दवा खरीदवाई गई। नर्स ने डाक्टर से कहा कि मेरोपेनम अस्पताल में है तो डाक्टर ने कहा कि चुप रहो, ज्यादा डाक्टरी मत करो। नर्स ने इसकी जानकारी अन्य नर्सों को भी दी। इस पर नर्सों ने कहा कि ऐसा अक्सर हो रहा है, हमलोग कुछ बोल भी नहीं सकते हैं।
वहीं, कुर्माडीह के मदन सिंह को भी इमरजेंसी में भर्ती किया गया है। उन्हें हार्ट अटैक हुआ है। उनके भाई मिथिलेश सिंह ने कहा कि करीब दो हजार रुपये की दवा बाहर से खरीदवाई गई। दो दिन पहले आब्स गायनी में प्रसुता स्वीटी कुमारी को अस्पताल से छुट्टी देने से पूर्व आयरन सहित छह दवाएं खरीदवाई गई। स्वजन ने दवा खरीद कर डाक्टर को दिखाया तभी डिस्चार्य स्लिप दिया गया।
-------------
कोट : मामला गंभीर है। अभी मैं शहर से बाहर हूं। आने के बाद छानबीन की जाएगी। अस्पताल में दवा रहने के बावजूद बाहर दुकानों से खरीदवाना गलत है।
- असीम कुमार दास, अस्पताल अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच