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जल संरक्षण दिवस : फिर कल-कल कर बहेगी चंपा, जल-जीवन-हरियाली योजना से होगा नदी का जीर्णोद्धार

Champa River चंपा नदी अंग प्रदेश की सभ्यता संस्कृति संस्कार और ऐतिहासिक विरासत रही है। चंपा नदी की धारा वापस लाने के लिए जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई गई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 22 Mar 2020 11:06 AM (IST)Updated: Sun, 22 Mar 2020 11:06 AM (IST)
जल संरक्षण दिवस : फिर कल-कल कर बहेगी चंपा, जल-जीवन-हरियाली योजना से होगा नदी का जीर्णोद्धार

भागलपुर, जेएनएन। चंपा नदी फिर से कल-कल कर बहने लगेगी। जल-जीवन-हरियाली योजना से चंपा नदी का जीर्णोद्धार किया जाएगा। चानन नदी पर चेक डैम का निर्माण होगा। डीएम के आदेश पर सिंचाई विभाग ने योजना पर काम शुरू दिया है। चंपा नदी अंग प्रदेश की सभ्यता, संस्कृति, संस्कार और ऐतिहासिक विरासत रही है। चंपा नदी की धारा वापस लाने के लिए जलस्रोतों को पुनर्जीवित करने की योजना बनाई गई है। सिंचाई विभाग को इस पर काम करने के लिए कहा गया है। आज से 50-60 वर्ष पूर्व जब चंपा नदी कलकल करते बहती थी तो इसके पोषक क्षेत्र के लोग खुशहाल थे। कतरनी धान की खुशबू हर ओर थी। भूगर्भ में पर्याप्त पानी था। 1970 के दौर तक चंपा नदी अपने मूल रूप में प्रवाहित होती थी।

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भैरवा तालाब का सौंदर्यीकरण

शहर के सबसे पुराने तालाबों में शुमार भैरवा तालाब का सौंदर्यीकरण स्मार्ट सिटी फंड से होगा। इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है। विवि प्रशासन ने तालाब के जीर्णोद्धार के लिए नगर निगम को अनुमति दे दी है। नगर निगम ने इस पर काम शुरू कर दिया है। नगर निगम भैरवा तालाब के साथ एक दर्जन तालाबों का भी जीर्णोद्धार कराएगा। कार्य जल-जीवन-हरियाली योजना के तहत होगा। कुछ पोखर को नगर निगम ने खोज लिया है। कुछ का अस्तित्व समाप्त होने के कारण खोज चल रही है। शहर में 11 तालाब खोजे गए हैं। तालाबों की सफाई इस तरह से की जाएगी ताकि उसमें सालों भर पानी भरा रहे। इससे शहर में भूजल का स्तर कभी कम नहीं होगा।

इन तालाबों का होगा जीर्णोद्धार

वार्ड 11- भैरवा तालाब

वार्ड 13 - कंपनीबाग तालाब

वार्ड 12- धोबिया काली स्थान के पीछे परवत्ती तालाब

वार्ड 17- केंद्रीय पुस्तकालय के पास तालाब

वार्ड 11- टीएनबी कॉलेज कैंपस बॉटनी विभाग के पीछे तालाब

वार्ड 17- लालबाग प्रोफेसर कॉलोनी तालाब

वार्ड 23 - सैंडिस कंपाउंड तालाब एक

वार्ड 23- सैंडिस कंपाउंड तालाब दो

वार्ड 11- जूलॉजी डिपार्टमेंट के पीछे तालाब

वार्ड 11 - टीएनबी कॉलेज कैंपस स्टेडियम के पीछे तालाब

वार्ड 11 - बॉटनी विभाग पीजी के पीछे तालाब

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जिले में 3900 तालाब व 2995 कुआं में रहेगा सालों भर पानी

जिले में 39 सौ तालाबों और 2995 कुआं का जीर्णोंद्धार किया जाएगा। इनमें सालों भर पानी रहेगा। जिला प्रशासन ने 39 सौ तालाबों और 2995 कुओं की खोज की है। बड़े तालाबों के जीर्णोद्धार का जिम्मा लघु सिंचाई विभाग को दिया गया है। जबकि छोटे तालाब मनरेगा योजना से जीर्णोद्धार होगा। कुआं के जीर्णोद्धार का जिम्मा पीएचईडी विभाग को सौंपा गया है। फिलहाल पीएचईडी विभाग प्रत्येक पंचायत में एक कुआं का जीर्णोद्धार कराएगा।

अंचल...पोखर...कुआं...अतिक्रमण

जगदीशपुर...229...261...33

नाथनगर...108...158...62

सबौर...97...94...20

गोराडीह...365...166...40

सुलतानगंज...345...568...16

शाहकुंड...354...289...107

कहलगांव...443...447...154

पीरपैंती...267...257...17

सन्हौला...885...275...96

नवगछिया...136...62...18

खरीक...114...117...08

बिहपुर...184...138...20

नारायणपुर...102...62...04

गोपालपुर...98...50...12

रंगराचौक...104...36...23

इस्माईलपुर...39...15...03

नगर निगम...11...00...00

लघु सिंचाई...19...00...00

कुल....3900....2995........633


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