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वीरपुर बनेगा उत्तर भारत का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल, मानसरोवर झील का होगा कायाकल्प, जानिए क्या है खास

सुपौल का वीरपुर उत्‍तर भारता का सबसे बड़ा पर्यटन स्‍थल के रुप में विकसित किया जाएगा। इसकी घोषणा सूबे के मंत्री नीरज कुमार बब्‍लू ने की। उन्‍होंने कहा कि यहां पर झील समेत चीजों का कायाकल्‍प जल्‍द शुरू हो जाएगा।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 05:25 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 05:25 PM (IST)
वीरपुर बनेगा उत्तर भारत का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल, मानसरोवर झील का होगा कायाकल्प, जानिए क्या है खास
सुपौल का वीरपुर उत्‍तर भारता का सबसे बड़ा पर्यटन स्‍थल के रुप में विकसित किया जाएगा। सांकेति तस्‍वीर।

संवाद सहयोगी, वीरपुर (सुपौल)। सूबे के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार ङ्क्षसह बबलू ने वीरपुर स्थित मानसरोवर झील के पुनरुद्धार की आधारशिला गुरुवार को रखी। मंत्री ने बताया कि जर्जर हो चुके मानसरोवर झील के पुनरुद्धार के लिए सालो से प्रयासरत थे। अब इसे वन विभाग को दे दिया गया है। पहले फेज में 10 करोड़ की राशि इसके लिए उपलब्ध कराई जाएगी। यह मानसरोवर झील को उत्तर-भारत का सबसे बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना है। यहां कई फेज में काम किए जाने है। वीरपुर की पहचान इस मानसरोवर झील को लेकर पर्यटन स्थल के रूप में होगी। होटल एवं अन्य सुविधा इसमें उपलब्ध होगी। लोगों के आकर्षण का केंद्र इस झील को बनाया जाएगा। नेपाल सहित दूर दराज से लोग यहां घूमने आएंगे।

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मौके पर डीएफओ सुनील कुमार, बसंतपुर आरडीओ देवानद कुमार सिंह, वनपाल केके झा, वीरपुर थानाध्यक्ष डीएन मंडल, मंत्री प्रतिनिधि राघवेंद्र झा राघव, गोपाल आचार्य, विनय कुमार सिं भाजपा नगर अध्यक्ष पशुपति गुप्ता, दिलीप कुमार, अरुण मिश्र, रवींंकुर, संजीव कुमार मेहता, जीवछ सिंह मनीष कुमार ङ्क्षसह, आलोक आनंद, राजेश कुमार ङ्क्षसह, आशीष देव, चंदन देव, रामचद्र मेहता आदि उपस्थित थे।

लंबे समय से इसके जीर्णोद्धार की हो रही थी मांग

इस झील के जीणोद्धार की मांग लंबे समय से की जा रही थी। यहां पर सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र मानसरोव झील है। इस झील के कायाकल्प हो जाने के बाद आगे कई चरणों में यहां पर काम किया जाएगा। इसके लिए फिलहाल दस करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। इससे स्थानीय स्तर पर भी रोजगार सृजन होगा। यहां पर पर्यटन स्थल के रूप में किसी भी जगह को विकसित नहीं किया गया है। यहां पर पड़ोसी देश नेपाल व अन्य जिलों से पर्यटकों के आने की अपार संभावनाएं हैं। आधारशीला रखे जाने पर स्‍थानीय लोगों ने प्रसन्‍नता व्‍यक्ति की है। 


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