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Vat Savitri Vrat 2022: ये रही वट सावित्री पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त, सुहागिन भूलकर भी न करें ये काम

Vat Savitri Vrat 2022 वट सावित्री पूजन कल है। सुहागिन गंगा स्नान कर मंदिरों में पूजा अर्चना के बाद अरवा भोजन ग्रहण करेंगे। वट वृक्ष की पूजा की जाएगी। इसको लेकर बाजार में काफी चहल-पहल रही। इसको लेकर...

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sun, 29 May 2022 04:46 PM (IST)Updated: Mon, 30 May 2022 06:15 AM (IST)
Vat Savitri Vrat 2022: ये रही वट सावित्री पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त, सुहागिन भूलकर भी न करें ये काम
Vat Savitri Vrat 2022: वट सावित्री पूजन कल है।

जागरण संवाददाता, खगड़िया। वट सावित्री पूजन आज सोमवार को है। इसको लेकर बाजार में काफी चहल-पहल रही। खगड़िया बाजार समेत महेशखूंट, गोगरी, जमालपुर, मड़ैया, परबत्ता, बेलदौर आदि बाजारों में जमकर पूजन सामग्रियों समेत फलों की खरीद-बिक्री हुई। आम और लीची की बंपर बिक्री हुई। मान्यता: जो भी स्त्री इस व्रत को करती है, उनका सुहाग अमर रहता है। 

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ज्येष्ठ मास की अमावस्या को वट सावित्री पूजन की परंपरा है। जो सोमवार को है। आज सुहागिन गंगा स्नान कर मंदिरों में पूजा अर्चना के बाद अरवा भोजन ग्रहण करेंगे। वट वृक्ष की पूजा की जाएगी। ऐसी मान्यता है कि जो भी स्त्री इस व्रत को करती है, उनका सुहाग अमर रहता है। कहा जाता है कि सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज के मुख से बचा लिया था। उसी प्रकार से इस व्रत को करने वाली स्त्री के पति पर आने वाले हर संकट दूर हो जाते हैं।

पंडित मिथिलेश झा कहते हैं- इस व्रत के दिन स्त्रियां बरगद वृक्ष के नीचे सावित्री-सत्यवान का कथा सुनती है। इस कारण से व्रत का नाम वट-सावित्री पड़ा। इस व्रत का विवरण स्कंद पुराण, भविष्योत्तर पुराण आदि में है। पंडित मिथिलेश झा कहते हैं- धार्मिक मान्यता के अनुसार वट वृक्ष में ब्रह्मा (जड़ ), विष्णु ( तना) एवं महेश (पत्ते) में विराजमान रहते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस वृक्ष के नीचे बैठकर पूजन, व्रत तथा कथा सुनने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

न करें ये काम 

  • अपने जीवनसाथी के साथ कोई वाद-विवाद न करें। संयमित व्यवहार करें। समर्पण की भावना के साथ व्रत को संकल्पित करें।
  • इस दिन सुहागिनों को काले, सफेद या नीले रंग की चूड़ियां कतई नहीं पहननी चाहिए। ये नकारात्मकता की प्रतीक हैं।
  • काले, सफेद या नीले रंग की साड़ी भी न पहनें। इस दिन इन रंगों की वस्तुओं के उपयोग से भी बचें तो अच्छा है।
  • इस दिन झूठ और गंदा नहीं बोलना चाहिए, मन में किसी के प्रति घृणा, द्वेष आदि न रखें। पाक-साफ मन से वट सावित्री पूजन को करें।

नवविवाहिताओं में उत्साह

नवविवाहिता स्मृति कुमारी, अनुपम कुमारी, शिल्पी कुमारी, चांदनी कुमारी आदि ने कहा कि वट सावित्री पूजन को लेकर काफी उत्साह है। अपने अमर सुहाग के लिए यह व्रत रखूंगी। नवविवाहिता के लिए यह दिन अनोखा है। नवविवाहिता के लिए ससुराल की तरफ से पूजन सामग्रियां मिष्ठान, नए वस्त्र, बांस का पंखा, नाग नागिन आदि भेजा जाता है।

फलों की कीमत में उछाल

वट सावित्री पूजन में फल का अधिक महत्व है। खासकर आम लीची की। बाजारों में फलों की कीमत में उछाल रहा। पके आम 70 से 100 रुपये किलो बिके। लीची 80 से सौ रुपये किलो बिके। केला 30 रुपये दर्जन रहा। खीरा 30 से 40 रुपये प्रति किलो बिका।


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