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पान की डंडी करती है गर्भनिरोधक का काम, है ना हैरान करने वाली बात, जानिए...

अगर हम ये कहें कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए पान की डंटी का प्रयोग सबसे बेहतर और सुरक्षित है तो क्या आप विश्वास करेंगे। लेकिन रिसर्च में पता चला है कि पान की डंटी बेहतर है। जानिए....

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 12:36 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 11:27 PM (IST)
पान की डंडी करती है गर्भनिरोधक का काम, है ना हैरान करने वाली बात, जानिए...
पान की डंडी करती है गर्भनिरोधक का काम, है ना हैरान करने वाली बात, जानिए...

भागलपुर [नवनीत मिश्र] । अगर आप बिना किसी परेशानी के बच्चा नहीं चाहते हैं तो आपको पान की डंटी के रस का नियमित सेवन करना होगा। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के जंतु विज्ञान विभाग के वरीय शिक्षक प्रो. विभूति नारायण सिंह ने पान की डंटी पर शोध किया है। 

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प्रो. सिंह का कहना है कि पुरुष जब तक पान की डंटी के रस का सेवन करेंगे तब तक बच्चा नहीं होगा। जब बच्चे की इच्छा हो तब रस पीना बंद कर दें। यह शोध पत्र राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित भी हो चुका है। शोध को मान्यता भी मिल गई है। प्रो. सिंह के साथ आरती वर्मा ने काम किया है। 

अभी तक पुरुष जनसंख्या नियंत्रण के लिए कंडोम या फिर नसबंदी का सहारा लेते रहे हैं। नसबंदी करा लेने से आजीवन बच्चा पैदा नहीं हो सकता है। जबकि कंडोम आमलोगों के लिए महंगा साबित होता है। लोग इसे खरीदने से झिझकते भी हैं।

प्रो. सिंह बताते हैं कि इसी को देखते हुए बिना खर्च के जनसंख्या नियंत्रण के उपायों पर उन्होंने शोध किया। गर्भ निरोधक गोलियों का साइड इफेक्ट शरीर पड़ता है जबकि  पान की डंटी के रस का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। 

सफेद चूहों पर किया सफल प्रयोग 

अपने शोध को अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्रोफेसर सिंह और उनकी टीम ने छह सफेद चूहों पर पान की डंटी का सफल प्रयोग किया। इन चूहों को 0.15 मिलीग्राम पान की डंटी का रस मुंह के द्वारा पिलाया गया।

दसवें दिन देखा गया कि चूहों में स्पर्म और सीमेन का पीएच मान कम हो गया। इस तरह 20वें, 30वें, 40वें और 50वें दिन धीरे-धीरे मेल का स्पर्म कम होता गया। उसका मूवमेंट भी कम हो गया। सीमेन का पीएच मान कम हो गया। प्रजनन क्षमता घट गई।

इसके अलावा छह और चूहों को बिना कुछ किए छोड़ दिया गया। 50वें दिन देखा गया कि जिसे रस पिलाया गया था, उसमें शुक्राणु की संख्या कम हो गई थी। जिसे छोड़ दिया गया था उसमें शुक्राणु बरकरार था। इसके बाद प्रयोग किए गए चूहों को पान की डंटी का रस पिलाना बंद कर दिया गया। यह देखा गया कि शुक्राणु की संख्या धीरे-धीरे बढऩे लगी। चूहों पर दो साल तक लगातार प्रयोग किया गया।

कैंसर की संभावना को भी करता है कम

प्रो. सिंह ने बताया कि पान की डंटी का रस गर्भ निरोधक में कारगर है। प्रति किलो शरीर के वजन के हिसाब से पुरुष 50 मिलीग्राम पान की डंटी के रस का सेवन कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि पान की डंटी के रस के सेवन से कैंसर होने की संभावना कम रहती है। किसी भी प्रकार के सूजन में फायदेमंद है। लीवर को फायदा पहुंचाता है। यह एंटी ऑक्सीडेंट हैं। एलर्जी को ठीक करता है। पेट की बीमारी में फायदेमंद है। पान की डंटी सभी जगह उपलब्ध है। गरीब से गरीब लोग भी इसका सेवन आसानी से कर सकते हैं।


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