Move to Jagran APP

UPSC Result: 52वां रैंक लाने वाले पूर्णिया के आशीष मिश्रा ने बताए सफलता के राज, कहा- चाहे जो हो पर सपना बड़ा हो

UPSC Result यूपीएससी की परीक्षा में पूर्णिया के लाल आशीष कुमार मिश्रा को 52वां रैंक मिला है। इस सफलता पर उन्‍हें हर कोई बधाई दे रहा है। आशीष ने जागरण से बातचीत में बताया कि चाहे जो हो पर सपना हमेशा बड़ा होना चाहिए। इससे...!

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 07:24 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 07:24 PM (IST)
UPSC Result: यूपीएससी की परीक्षा में पूर्णिया के लाल आशीष कुमार मिश्रा को 52वां रैंक मिला है।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। यूपीएसपी की परीक्षा में 52वां रैंक प्राप्त करने वाले आशीष कुमार मिश्रा ने कहा कि आर्थिक लाचारी से कभी भी किसी छात्र या छात्रा को घबराना नहीं चाहिए। गरीबी कभी भी मंजिल पाने में बाधक नहीं होती है। मजबूत आत्मविश्वास, ²ढ़ निश्चय, सकारात्मक सोच, एकाग्रता व समर्पण का सूत्र हर सपने को साकार करने के लिए काफी है। आशीष ने कहा कि अब तक के सफर में उन्होंने वह दिन भी देखा है जब वे आईआईटी की तैयारी के लिए कोटा नहीं जा सके थे। पिताजी की आर्थिक स्थिति को देखते उन्होंने पटना में रहकर आईआईटी निकालने का संकल्प लिया और उसे पूरा भी किया। इसके अलावा उन्होंने कभी अपने में भटकाव नहीं आने दिया।

loksabha election banner

दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में आशीष ने कहा कि उनका यह तजुर्बा रहा है परिस्थिति जो भी हो, सपना बड़ा देखना चाहिए। अगर बड़ा सपना नहीं देखेंगे तो कुछ कर गुजरने का जुनून नहीं आ सकता है। फिर पूरे धैर्य के साथ हमें अपने में मन में पले सपने को लक्ष्य कर आगे बढऩा चाहिए। निश्चित रुप से यदा-कदा विषम परिस्थिति या फिर आरंभिक प्रयास की असफलता हमारा हौसला तोड़ता है, लेकिन फिर ढृढ़ निश्चय के साथ हमें दुगुने हौसले से बढऩा पड़ता है। इन स्थितियों से जूझने की शक्ति हमें तभी मिलेगी, जब हम पूरी तरह सकारात्मक सोच रखेंगे। हमें यह भी याद रखना चाहिए कि यूपीएससी की परीक्षा में कोई उपर से आने वाले लोग सफल नहीं होते हैं, बल्कि वे भी हमारे बीच के ही हमारे जैसे सामान्य लोग ही होते हैं।

 

फेसबुक पर दिखने का शौक नहीं, पुस्तक रहा सबसे अच्छा दोस्त

बतौर आशीष किसी भी बड़े लक्ष्य के लिए संपूर्ण साधना की जरुरत होती है। कुछ बातें जो सहज व सामान्य मानी जाती है, वह भी भटकाव का एक बड़ा कारण बन जाता है। उन्हें फेसबुक या फिर अन्य सोशल मीडिया आदि पर दिखने का कभी शौक नहीं रहा। पुस्तक ही उनका सबसे अच्छा दोस्त रहा। उनके विचार से संपूर्ण एकाग्रता से ही बड़े लक्ष्य को साधा जा सकता है। इसके अलावा बढिय़ा संस्कार आपकी बौद्धिक क्षमता के लिए बड़ा टानिक बनता है, ऐसे में अच्छे संस्कार भी सफलता की एक बड़ी कड़ी है।

 समाज का संबल बनना पहली प्राथमिकता

आशीष कुमार मिश्रा ने कहा कि मैं सदा भावों को जीता रहा हूं। वहीं हमारी ²ष्टि को नया फलक देता रहा है। परिवार व समाज के साथ दिल्ली जैसे शहरों में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को देख भी वे प्रेरित होते रहे हैं। वे जिस भी भूमिका में रहेंगे, उसमें निहित दायित्व के सर्वश्रेष्ठ निवर्हन की कोशिश रहेगी। उस भूमिका के साथ साथ व्यक्तिगत तौर पर समाज के चंद लोगों के लिए भी संबल बनना उनके लिए सौभाग्य की बात होगी। यह उनकी प्राथमिकता भी है।

आईएएस मनीष व पूर्व डीजीपी अभयानंद रहे हैं आदर्श

उन्होंने बताया कि झारखंड कैडर के आईएएस मनीष कुमार, पूर्व डीजीपी अभयानंद व उनके चाचा अभय कुमार मिश्र के साथ-साथ उनके माता-पिता उनके आदर्श रहे हैं। ये ऐसे लोग हैं, जिन्होंने उनके एक बड़े सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाई है।

निम्न मध्यम परिवार के आशीष ने कायम की मिसाल

निम्न मध्यम परिवार के आशीष कुमार मिश्रा ने अपनी सफलता के जरिए सचमुच बड़ी मिसाल कायम की है। शहर के महबूब खां टोला निवासी सह आयकर विभाग के अधिवक्ता सुशील कुमार मिश्रा व ज्योति मिश्रा के पुत्र आशीष कुमार मिश्रा ने यूपीएससी में 52 वां रैंक प्राप्त किया है। वे लोग छपरा जिले कोरैंया गांव के मूल निवासी हैं। उनके दादा स्व. राजदेव मिश्र पूर्णिया में ही डीएससी आफिस में कार्यरत थे, जबकि दादी स्व. चंदा देवी गृहिणी थी। उनके पिता सुशील कुमार मिश्रा आयकर के अधिवक्ता हैं। उनकी मां ज्योति मिश्रा भी गृहिणी है। आशीष कुमार मिश्रा दो भाई व तीन बहन हैं। उनके भाई अनंत कुमार ने भी आईआईटी किया है। दोनों भाई ने एक साथ 2014 आईआईटी की परीक्षा पास की थी। बड़ा भाई फिलहाल केंद्रीय सेवा में हैं। उनकी तीन बहन अन्नू श्रिया, चांदनी मिश्र व नेहा कुमारी मिश्र हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.