Unlocked in Bihar: भागलपुर में बाजार गुलजार, बढ़ गई भीड़, नहीं मान रहे लोग, खतरे की घंटी
Unlocked in Bihar बिहार में लॉकडाउन समाप्त हो गया है। लेकिन अभी भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करने का निर्देश दिया गया है। सुबह छह से शाम पांच बजे तक तीन-तीन दिन की शिफ्ट पर सभी तरह की दुकानों को खोलने की अनुमति है। भीड़ काफी बढ़ गई है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। अनलॉक-एक में सुबह छह से शाम पांच बजे तक तीन-तीन दिन की शिफ्ट पर सभी तरह की दुकानों को खोलने की अनुमति मिलने बाजार गुलजार हो गया है। इस फैसले से हर तरह के कारोबारियों को राहत मिली है। लेकिन, लोग पूरी तरह बेपरवाह हो गए हैं। पहले की तरह ही बाजार पहुंच रहे हैं इस वजह से भीड़ बढ़ गई है। अभी जिले में कोरोना का मामला कम है, लोगोें को धर्य रखने की जरूरत है, लेकिन बुधवार को बाजार में उमड़ी जबरदस्त भीड़ से संक्रमण का चयन बढ़ने की इशारा कर रहा है। यह शहर के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है। बाजार में लोग न तो शारीरिक दूरी का पालन करते दिखे और न ही कोविड नियमों का। लोग बिना मास्क के बाजार में दिखे। फुटपाथी दुकानदार बिना मास्क लगाए ही सामानों को बेचते नजर आए। लोग सचेत नहीं हुए तो फिर से जिले में कोरोना संक्रमण का मामला बढ़ जाएगा। चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ने बताया कि बाजार का कारोबार पटरी पर लौट रहा है। उन्होंने ग्राहकों और दुकानदारों से कोविड नियमों का सख्ती से पालन करने की बात कही।
व्यापारियाें को राहत, लौट रहा कारोबार
बुधवार को सराफा, इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल, सैलून, साइकिल, बैटरी की दुकानें खुलीं। दस बजे के बाद सराफा बाजार में खरीदारी करने की भीड़ रही। वट सावित्री पूजा को देखते हुए महिलाओं ने जेवरात भी खरीदे। सराफा का कारोबार 80 से 90 लाख के आसपास रहा। जिला स्वर्णकार संघ के उप सचिव अनिल कड़़ेल ने बताया कि पांच बजे तक दुकानें खुलुने से सराफा व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है। टीवी, फ्रिज, कूलर, एसी, मोबाइल की भी बिक्री हुई। 40 लाख के आसपास कोरोबार हुुआ।
आज से शाम पांच तक कपड़ा की दुकानें
गुरुवार को कपड़ा, बर्तन, सीमेंट, स्पेयर पार्ट्स, ऑटो मोबाइल्स सहित अन्य दुकानें खुलेगी। यह दुकानें हर मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को खुलेंगी। इस्टर्न बिहार रेडीमेड एसोसिएशन के सचिव अश्वनी जोशी मोंटी ने बताया कि दुकानें खुलने से व्यापारियों को थोड़ी राहत मिलेगी लॉकडाउन में कारोबार पूरी तरह प्रभावित हो गया था। दुकान का और स्टाफ खर्च भी घर से देना पड़ा। सरकार के इस फैसले से सुकून मिला है।