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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सुशांत हत्याकांड पर लिया संज्ञान, SSP को लिखा पत्र, जानिए क्या है मामला

अकबरनगर के खैरेहिया निवासी सुशांत की हत्या मामले में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने संज्ञान लिया है। उन्होंने एसएसपी को पत्र लिखकर मामले में यथोचित कार्रवाई कर हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार करने को कहा है। सुशांत के पिता अनुजदेव ङ्क्षसह ने मंत्री से न्याय दिलाने का अनुरोध किया था।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 07:10 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 07:10 AM (IST)
अकबरनगर के खैरेहिया निवासी सुशांत कुमार। फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Union Minister Giriraj Singh)  ने सुशांत हत्याकांड (Sushant murder case)पर संज्ञान लिया है। मंत्री के निर्देश पर गुरुवार को उनके निजी सचिव राजकुमार दिग्विजय ने भागलपुर एसएसपी (SSP BHAGALPUR) को पत्र लिख मामले में यथोचित कार्रवाई करने को कहा है। अकबरनगर के खैरेहिया निवासी सुशांत के पिता खाद व्यवसायी अनुजदेव सिंह ने गत 18 दिसंबर को भागलपुर में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Union Minister Giriraj Singh) से मिलकर न्याय दिलाने का अनुरोध किया था। मंत्री ने इंसाफ दिलाने का आश्वासन दिया था। 

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एसएसपी को लिखे पत्र में सुशांत के हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार करने की बात कही गई है। सुशांत के पिता ने बताया कि गुरुवार को विधि व्यवस्था डीएसपी निशार अहमद ने उनसे मिलकर न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।

दो माह बाद भी कातिल का नहीं मिला सका कोई सुराग

पांच नवंबर को खाद व्यवसायी अनुजदेव सिंह के पुत्र सुशांत कुमार शिवम की बाइक सवार अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सुशांत 25 लाख रुपये बैंक में जमा करने जा रहा था। एनएच-80 पर भवनाथपुर बगीचा के पास बदमाशों ने रुपये भी लूट लिए थे। दो माह बाद भी हत्याकांड का उद्भेदन पुलिस नहीं कर पाई है। मामले में अबतक केवल दो संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई है। दो माह में कातिल मिला न सुराग।

कई लोगों से अब तक स्वजन न्याय के लिए लगा चुके हैं गुहार

अकबरनगर के खैरेहिया निवासी सुशांत के पिता खाद व्यवसायी अनुजदेव सिंह न्याय के लिए अब तक कई जगह गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हो सकी है। दो माब बाद भी कातिल का कोई अता-पता नहीं चल सका है। स्वजनों ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए अनशन भी किया था। स्वजनों की मानें तो पुलिस अधिकारी केवल आश्वासन देते हैं। कई बार पुलिस के बड़े अधिकारी घर पर आ चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।


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