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UGC : दोहरी डिग्री व्यवस्था से युवाओं को लगेंगे हौसलों के पंख, नौकरी के खुलेंगे नए द्वार

UGC दोहरी डिग्री व्यवस्था को मंजूरी देकर युवाओं को हौसलों के पंख लगा दिए हैं। हालांकि इस व्यवस्था को मंजूरी दिए जाने पर शिक्षाविदों ने अपना अलग-अलग विचार दिए हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 01:51 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 10:04 AM (IST)
UGC : दोहरी डिग्री व्यवस्था से युवाओं को लगेंगे हौसलों के पंख, नौकरी के खुलेंगे नए द्वार
UGC : दोहरी डिग्री व्यवस्था से युवाओं को लगेंगे हौसलों के पंख, नौकरी के खुलेंगे नए द्वार

भागलपुर [अमरेंद्र कुमार तिवारी]। बढ़ती बेरोजगारी और कोविड 19 से उत्पन्न संकट ने युवाओं में भविष्य को लेकर एक अजीब तरह की असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न कर दी है। बड़ी संख्या में अभिभावक भी इस बात को स्वीकरने लगे हैं। ऐसे में यूजीसी द्वारा एक साथ दो विधाओं की डिग्री दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दिया जाना एक बड़ी पहल है। किसी भी विवि से स्नातक एवं स्नातकोत्तर की डिग्री लेने मात्र से भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता है। अपने भविष्य को लेकर चिंतित छात्र कभी-कभी स्नातक की डिग्री छोड़ कर प्रोफेशनल कोर्स करने लगते हैं। ऐसी स्थिति में छात्र प्रोफेशनल कोर्स की डिग्री लेकर हुनरमंद तो बन जाते हैं पर स्नातक होने का सर्टिफिकेट नहीं मिल पाता। ऐसे में छात्र कई प्रतियोगिता परीक्षा या नौकरी का फार्म भरने से वंचित रह जाते हैं। अब यूजीसी ने दोहरी डिग्री व्यवस्था को मंजूरी देकर युवाओं को हौसलों के पंख लगा दिए हैं।

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हालांकि यूजीसी द्वारा दोहरी डिग्री व्यवस्था को मंजूरी दिए जाने पर शिक्षाविदों ने अपना अलग-अलग विचार दिए हैं :-

नियमित कोर्स के अलावा एक डिस्टेंस लर्निंग की प्रोफेशनल कोर्स होगी। एक ही समय में दो डिग्री मिलने से छात्रों के कौशल विकास के नए द्वार खुलेंगे। वे अपनी प्रतिभा को कैरियर निर्माण में बेहतर ढंग से लगा पाएंगे। दोहरी डिग्री देने का यूजीसी का फैसला युवाओं के हित में हैं। -डॉ. अजय कुमार सिंह, कुलपति टीएमबीयू, भागलपुर।

इंजीनियरिंग के साथ अगर एक ही समय में छात्रों को मैनेजमेंट भी डिग्री मिल जाती है तो उनके कैरियर के लिए काफी बेहतर होगा। उसमें क्रिएटिविटी और इनोवेशन क्षमता होनी चाहिए। दोहरी डिग्री मिलने से छात्राओं को डाटा इंट्री सहित सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में रोजगार के ज्यादा अवसर मिलेंगे। यूजीसी का यह कदम सही है। -प्रो. अचिन्त्य, प्राचार्य भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज।

एक साथ एक समय में डबल डिग्री देने से बेरोजगारों की फौज खड़ी होगी। इससे कोई फायदा नहीं होगा। सिर्फ डिग्री देने से युवाओं का कैरियर नहीं बनेगा उन्हें योग्यता देने की जरूरत होगी। उसके कौशल विकास पर बल देना होगा। यूजीसी का यह फैसला मेरे विचार से न्यायसंगत नहीं है। परंपरागत व्यवस्था को मजबूत बनाने की जरूरत है। -डॉ. बहादुर मिश्रा, वरीय प्राध्यापक , टीएमबीयू भागलपुर।

दोहरी डिग्री व्यवस्था से छात्रों को जो कोविड 19 से क्षति हुई है उसकी भरपाई करने का अवसर मिलेगा। अब छात्र-छात्राएं यूजीसी के नए नियम के अनुसार एक समय में दो तरह की डिग्री ले पाएंगे। उन्हें नौकरी पाने का ज्यादा अवसर मिलेगा। यूजीसी का यह पहल छात्र हित में है। - डॉ. गुरुदेव पोद्दार, प्राचार्य मारवाड़ी कॉलेज, भागलपुर।

राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के जो विद्यार्थी हैं उन्हें यह समझने में समय लगेगा। बावजूद इसके यूजीसी का यह फैसला युवाओं के कैरियर के लिए बेहतर है। इससे छात्रों का बौद्धिक स्तर बढ़ेगा। कोविड 19 के कारण छात्रों को पढ़ाई में जो बाधा हुई है। उसकी भी क्षतिपूर्ति होगी। इसके लिए शिक्षक और छात्र दोनों को मेहनत करना होगा। - डॉ. अर्चना ठाकुर, प्राचार्य एसएम कॉलेज, भागलपुर।


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