एके-47 की सौदेबाजी में खुफिया राडार पर दो सफेदपोश, नक्सलियों से कनेक्शन की भी संभावना
सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो, जबलपुर से चुराए गए एके-47 की सौदेबाजी में दो सफेदपोश खुफिया महकमे के राडार पर आ गए हैं। दोनों नेताओं का मुंगेर तथा आसपास के जिलों में प्रभाव है।
भागलपुर (कौशल किशोर मिश्र)। सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो, जबलपुर से चुराए गए एके-47 की सौदेबाजी में दो सफेदपोश खुफिया महकमे के राडार पर आ गए हैं। खुफिया सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं का मुंगेर तथा आसपास के जिलों में प्रभाव है। दोनों नेताओं के नक्सली कनेक्शन की भी बात सामने आ रही है। वर्षों से नक्सली संगठनों से भी उनकी नजदीकी रही है।
बताया जा रहा है कि खुफिया अधिकारियों की टीम ने अबतक जो कुंडली खंगाली है उससे यह बात सामने आ रही है कि मुंगेर, जमुई और बांका जिले में सक्रिय विभिन्न नक्सली गुटों में अधिकांश पर दोनों नेताओं का प्रभाव रहा है। दोनों नेताओं के नक्सली कनेक्शन को देखते हुए ही उन्हें निगरानी राडार पर रखा गया है। कहा जा रहा है कि उनके नक्सली कनेक्शन को लेकर मिले सुराग और एके-47 की आपूर्ति नक्सलियों को किए जाने की बात जांच में सामने आने पर नक्सलियों से एके-47 की सौदेबाजी कराने में दोनों नेताओं की भूमिका की तलाशी जा रही है। कहा जा रहा है कि खुफिया अधिकारियों को इस दिशा में कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं।
मुंगेर-जमुई जिले की सीमा पर पूर्व में हुई एक बड़ी नक्सली वारदात और जमुई जिले में पूर्व में घातक विस्फोटक पदार्थ की बरामदगी मामले में भी खुफिया टीम कड़ी तलाशते कई अहम जानकारियां जुटाने में कामयाबी पाई है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही इस प्रकरण में बड़ा खुलासा सामने आ सकता है। मुंगेर पुलिस की जांच भी एके-47 तस्करी मामले में बहुत कुछ इस दिशा में आगे गई है।
मुंगेर पुलिस से जांच का जिम्मा अब एनआइए के पास आने पर जांच का दायरा तेजी से बढ़ जाएगा। इसके कयास लगाए जाने लगे हैं। गिरफ्त में आए मंजर, शमशेर, इमरान से मिली जानकारी और उनके मोबाइल सीडीआर से भी काफी खुलासा होने की संभावना जताई जाने लगी है। एनआइए की जांच में भागलपुर जिले में तैनात एक महिला कांस्टेबल की भूमिका को लेकर चल रही जांच में भी तेजी आने की संभावना है।