Move to Jagran APP

पोशाक तैयार कर समृद्धि की गाथा लिखेंगी ढाई हजार दीदियां, आत्‍मनिर्भरता की ओर कदम

जीविका दीदियों पर अब पोशाक बनाने की जिम्मेवारी आ गई है। कोरोना संक्रमण काल में मास्क तैयार करने में अग्रणी रही जीविका दीदियां को सरकार ने अब स्कूली बच्चों का पोशाक तैयार करने का जिम्‍मा दिया है। सहरसा जिले में इसकी कवायद शुरू हो गई है।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 12:01 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 12:01 PM (IST)
पोशाक तैयार कर समृद्धि की गाथा लिखेंगी ढाई हजार दीदियां, आत्‍मनिर्भरता की ओर कदम
जिले के जीविका दीदियों को ग्रामीण स्‍वरोजगार से दिया जा रहा है प्रशिक्षण

सहरसा [कुंदन कुमार] । सब्जी की खेती, मशरूम उत्पादन, पापड़, अदौरी, मवेशी पालन, वर्मी काम्पोस्ट बनाकर अपनी समृद्धि के साथ राज्य में प्रति व्यक्ति आय की बढ़ोतरी करनेवाली जीविका दीदियों पर अब पोशाक बनाने की जिम्मेवारी आ गई है। कोरोना संक्रमण काल में मास्क तैयार करने में अग्रणी रही जीविका दीदियां को सरकार ने अब स्कूली बच्चों का पोशाक तैयार करने की जिम्मेवारी सौंपने की रणनीति तैयार कर लिया है। इस कार्य में बाढ़ प्रभावित सहरसा जिले की ढाई हजार जीविका दीदियों को लगाया जाएगा। जीविका समूह ने इसकी तैयारी प्रारंभ कर दिया है। बड़े पैमाने पर बच्चों का पोशाक तैयार करने से स्थानीय स्तर पर महिलाओं की आमदनी बढ़ेगी और इससे क्षेत्र का भी आर्थिक उन्नयन होगा।

loksabha election banner

ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान से दिया जाएगा प्रशिक्षण

जीविका दीदियों को सिलाई कार्य में दक्ष करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि बच्चों के लिए अच्छे मॉडल के कपड़े सिले जा सके। पूर्व में सिलाई- कटाई से जुड़ी ऐसी दीदियों के अलावा अन्य दीदियों को भी दक्ष किए जाने की योजना है, ताकि एकसाथ ढाई हजार दीदियों के हाथ को स्थायी कार्य मिल सके। इसके लिए जीविका समूह द्वारा तैयारी की जा रही है।

वर्ग एक से 12 वीं तक के बच्चों का तैयार होगा पोशाक

जीविका समूह द्वारा वर्ग एक से 12 वीं तक के बच्चों का पोशाक तैयार किया जाएगा। हालांकि पोशाक की राशि पूर्व की तरह बच्चों के खाते में ही भेजी जाएगी, परंतु इस राशि से जीविका समूह से तैयार पोशाक की खरीद होगी। इस क्रम मेें दीदियों को विद्यालय के पठन- पाठन, एमडीएम आदि पर भी निगरानी रखने की जिम्मेवारी होगी।

क्‍या कहते हैं जीविका के डीपीएम

जीविका के डीपीएम अमित कुमार ने कहा कि जीविका दीदियों ने अपनी हर जिम्मेवारी को बखूबी निभाया है। बच्चों का पोशाक तैयार करने में भी दीदियां सफल होगी। इससे स्थानीय स्तर पर महिलाओं की आमदनी बढ़ेगी। इससे जहां दीदियों की आमदनी बढ़ेगी, वहीं इलाके की भी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.