सूदखोरों के चंगुल में फंसकर मुंगेर के युवक पत्नी और मां के गहने बेचे, बात नहीं बनी तो खा ली जहर
मुंगेर में एक युवक ने सूदखोरों के चंगुल में आकर सबकुछ बेच दिया। पहले उसने मां और पत्नी के जेबर बेचे बात नहीं बनी तो भाई के नाम की जमीन बेच दी। इसके बाद भी उसका कर्ज खत्म नहीं हुआ। इसके बाद उसने...!
संवाद सूत्र, मुंगेर। जमालपुर पशुपालन गली के मुकेश कुमार ने सल्फास खा लिया। सदर अस्पताल में युवक का इलाज चल रहा है, जहां हालत गंभीर बनी हुई है। युवक के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें कर्ज से परेशान होने का जिक्र है। लेटर में एक सूदखोर का नाम लिखा है। सुसाइड नोट में मुकेश ने लिखा है कि 2019 में भागीचक के संजय कुमार से 17 लाख रुपया कर्ज लिया था। जिसका ब्याज प्रत्येक माह 70 हजार रुपये दे रहे थे। ब्याज चुकाने को लेकर मां और पत्नी के गहने तक को बेच दिया। इसके बाद भाई के नाम का दो कट्ठा जमीन बेचकर रकम चुकाया।
सब कुछ बेचने के बाद भी खत्म नहीं हुआ कर्ज
जब ब्याज की रकम चुकाने को कुछ भी नहीं बचा तो आखिरकार आत्महत्या करने की ठान ली। सुसाइड नोट में युवक ने कहा है कि यह कर्ज बेटा के ब्रेन हेमरेज और मां को पेसमेकर लगाने के लिए लिया था। समय पर कर्ज चुका नहीं पाया और ब्याज की रकम बढ़ती चली गई। स्वजनों ने इलाज के लिए भर्ती कराया है। अभी तक इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं हो सका है।
बड़े पैमाने पर चल रहा इस तरह का खेल
बिना लाइसेंस का कर्ज देने का खेल मुंगेर में बड़े पैमाने पर चल रहा है। सबसे ज्यादा यह खेल ग्रामीण इलाकों में हो रहा है। थोड़ी सी सहूलियत के कारण लोग बैंक न जाकर साहूकारों से कर्ज उठा लेते हैं, फिर उन्हें तरह तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। सूदखोरों के सिंडिकेट का सबसे अधिक शिकार किसान और मजदूर होते हैं। किसान समय पर खेती करने के लिए कर्ज लेते हैं, इसके बदले में सूदखोर मनमना ब्याज वसूलते हैं। लोगों की मानें तो ये लोग चक्रवृद्धि ब्याज के आधार पर दिए गए पैसे का कर्ज वसूली करते हैं। यह खेल लंबे समय से चला आ रहा है।