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कोहरे की वजह से अब नहीं लेट होंगी ट्रेनें! पूर्व मध्य रेल की सभी गाड़ियों को फाग डिवाइस से किया गया लैस

पूर्व मध्य रेल की सभी ट्रेनों को फाग सेफ डिवाइस से किया गया लैस। सहरसा रेल खंड में चलनेवाली ट्रेनों में लगाया डिवाइस। फाग सेफ डिवाइस आनेवाली सिंग्नल की देती है जानकारी। कोहरे के दौरान ट्रेनों का विलंबन कम से कम हो इसके लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 06:59 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 06:59 AM (IST)
कोहरे की वजह से अब नहीं लेट होंगी ट्रेनें! पूर्व मध्य रेल की सभी गाड़ियों को फाग डिवाइस से किया गया लैस
ताकि कोहरे की वजह से लेट ना हो ट्रेन।

संवाद सूत्र, सहरसा: जाड़े के इस मौसम में कोहरे के कारण पूर्व मध्य रेल द्वारा संरक्षित ट्रेन परिचालन की दिशा में कई कदम उठाये जा रहे हैं। जिससे कि कोहरे के दौरान ट्रेनों का विलंबन कम से कम हो और यात्रियों को परेशानी न हो। जाड़े के मौसम में संभावित कोहरे के मद्देनजर पूर्व मध्य रेल द्वारा संरक्षित ट्रेन परिचालन को लेकर सभी ट्रेनों के इंजनों में फाग सेफ डिवाइस लगाया गया है। सभी ट्रेनों में लोको पायलट को ही जीपीएस आधारित फाग सेफ डिवाइस दिया गया है।

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पूर्व मध्य रेल के सहरसा रेल खंडों में चलायी जा रही मेल- एक्सप्रेस ट्रेनों में यह सुविधा कोहरे के कारण यह बहाल की गयी है। फाग सेफ डिवाइस जीपीएस आधारित एक उपकरण है जो लोको पायलट को आगे आनेवाली सिंग्नल की चेतावनी देता है। जिससे लोको पायलट ट्रेनों की स्पीड को नियंत्रित करते है। इससे ट्रेनों के परिचालन में कोहरे के कारण होनेवाली संभावित दुर्धटनाओं में काफी कमी आएगी।

इस मौसम में रेल होती है फ्रेक्चर

जाड़े के मौसम में रेल पटरी अक्सर फ्रेक्चर होता है। रेल पटरी के क्रेक होने की घटना घटते रहती है। इसीलिए रेल पटरी की भी जांच नियमित रूप से की जा रही है। फाग मैन की तैनाती की गयी है। जो हर शाम से ही अहले सुबह तक रेल पटरी की निगरानी करते है।

सिंग्नलों की पहचान के लिए कई उपाय

रेलवे ने सिंग्नलों की दृश्यता को बढाने के लिए सिंग्नल साइटिंग बोर्ड, फाग सिंग्नल पोस्ट, ज्यादा व्यस्त समपार के लिफ्टिंग बैरियर आदि को एक विशेष रंग काला एवं पीला रंग से रंगकर उसे चमकीला बनाया गया है। सिंग्नल आने से पहले रेल पटरी पर सफेद चूने से निशान बनाया गया है। ताकि लोको पायलट कुहासे वाले मौसम में सिंग्नल के बारे में अधिक सर्तक हो जाएं। घने कोहरे में स्टाप सिग्नल की पहचान हेतु सिग्नल से पहले एक विशेष पहचान चिन्ह सिगमा शेप्स का प्रावधान किया गया है। जिससे चालक को स्टाप सिगनल की जानकारी आसानी से प्राप्त हो सकें। लोको पायलटों को प्रत्येक स्टेशनों का फर्स्ट स्टाप सिगनल लोकेशन किलोमीटर चार्ट उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसके प्रयोग से चालक यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि अगले कितनी दूरी पर ट्रेन को रोकना है।

'पूर्व मध्य रेल के सभी मेल एवं एक्सप्रेस ट्रेनों में जीपीएस आधारित फाग सेफ डिवाइस लगा दिया गया है। जिससे दुधर्टना पर रोक लग सकें।'- राजेश कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्व मध्य रेल


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