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रेल यात्री कृपया ध्‍यान दें... अब डिब्रूगढ़ नहीं जाएगी ब्रह्मपुत्र मेल, जानिए वजह... और कहां से होगी वापसी

अब डिब्रगूढ़ नहीं जाएगी यह ट्रेन। कामाख्या-दिल्ली के बीच चलेगी। नॉर्थ फ्रंटियर रेल जाने ने बोर्ड को भेजा प्रस्ताव। अक्टूबर में लागू होने वाली नई टेबल टाइम में किया जा सकता शामिल।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 08:20 AM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 08:20 AM (IST)
रेल यात्री कृपया ध्‍यान दें... अब डिब्रूगढ़ नहीं जाएगी ब्रह्मपुत्र मेल, जानिए वजह... और कहां से होगी वापसी

भागलपुर [रजनीश]। दिल्‍ली से डिब्रूगढ़ के बीच चल रही ट्रेन संख्या 15955/56 ब्रह्मपुत्र मेल का सफर अब कामाख्या तक ही होगा। आने वाले दिनों में यह ट्रेन डिब्रूगढ़ नहीं जाएगी। भागलपुर से डिब्रूगढ़ के बीच ब्रह्मपुत्र मेल ही एक मात्र ट्रेन है। इससे न सिर्फ भागलपुर बल्कि बक्सर, आरा, पटना, किऊल, मुंगेर जिलों के अलावा झारखंड और पश्चिम बंगाल के यात्रियों को असुविधा होगी। नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे जोन की ओर से इस ट्रेन को कामख्या-डिब्रूगढ़ के बीच परिचालन रद करने का प्रस्ताव बोर्ड को भेजा गया है। अक्टूबर में जारी होने वाली नई टाइम टेबल में इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। दरअसल, भागलपुर जंक्शन के रास्ते दिल्ली तक चलने वाली ब्रह्मपुत्र मेल का परिचालन करीब 45 वर्षों से हो रहा है। डिब्रगूढ़ से दिल्ली तक की 2596 किमी की दूरी तय करने में 55 घंटे के आसपास लगते हैं।

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सिल्क सिटी वासियों का पसंदीदा है ट्रेन, हमेशा रहती है फुल

भागलपुर जंक्शन से डिब्रूगढ़ के बीच चलने वाली ब्रह्मपुत्र मेल हमेशा फुल रहती है। इसके स्लीपर से लेकर एसी और जनरल क्लास में जगह नहीं होती है। अभी यह ट्रेन स्पेशल बनकर चल रही है। लेकिन, 12 नंवबर तक भागलपुर से एक भी सीटें खाली नहीं है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह ट्रेन कितना महत्वपूर्ण है। अप और डाउन मार्ग में भागलपुर से औसतन हर दिन तीन सौ यात्री सफर करते हैं। इस ट्रेन का परिचालन डिब्रूगढ़ तक बंद होने से शहरवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्हें दूसरे स्टेशनों से डिब्रगूढ़ के लिए टे्रन पकडऩी पड़ेगी।

2019 में देश की आधुनिक कोच से हुई थी लैस

ब्रह्मपुत्र मेल को जून 2019 में देश की आधुनिक एलएचबी (लिंक हॉफमेन बुश) रैक से लैस किया गया था। पहले यह ट्रेन आइसीएफ रैक से जुड़कर चलती थी। नई रैक लगने के बाद ट्रेन की रफ्तार भी बढ़ा दी गई। लंबी दूरी तय करने वाली इस ट्रेन को रेलवे अभी कोविड स्पेशल बनाकर चला रही है।


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