उधार के कंधों पर ट्रैफिक की जिम्मेदारी, न भवन और न ही प्रशिक्षित सिपाही Bhagalpur News
कोतवाली थाना परिसर में तीन जुलाई 2012 से 11/12 वर्गफीट के जर्जर एक कमरे में थाना चल रहा है। एक ही कमरे में डीएसपी इंस्पेक्टर और मुंशी के बैठते हैं।
भागलपुर, जेएनएन। ट्रैफिक थाना बने आठ साल पूरे होने के बावजूद इस थाने में एक भी प्रशिक्षित सिपाही नहीं है। उधार के कंधों पर ट्रैफिक की जिम्मेदारी है। इस थाना को अपना भवन तक नहीं है। कोतवाली थाना परिसर में तीन जुलाई 2012 से 11/12 वर्गफीट के जर्जर एक कमरे में थाना चल रहा है। एक ही कमरे में डीएसपी, इंस्पेक्टर और मुंशी के बैठने की व्यवस्था के साथ ही कार्यालय के कार्यों का निष्पादन भी किया जाता है। महत्वपूर्ण पहलू यह है कि आठ सालों में डीएसपी और इंस्पेक्टर को छोड़ इस थाने में प्रशिक्षित सिपाही की भी प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है। यातायात व्यवस्था के लिए जिला बल का सहारा लेना पड़ रहा है। इस थाने में आठ सालों में अब तक दो ही मुकदमा हुआ है।
वहीं जगह के अभाव में जब्त गाडिय़ों खासकर बड़े वाहनों को रखने की गंभीर समस्या खड़ी हो रही है। जब्त वाहन तिलकामांझी, जीरोमाइल, इशाकचक, बबरगंज, विश्वविद्यालय, नाथनगर, ललमटिया थाना के पास सड़क किनारे रखे जाते हैं।
सड़क की चौड़ाई ऐसे ही काफी कम है। कहीं 20 फीट तो कहीं चौड़ाई 15 फीट है। ऐसी स्थिति में जब्त वाहनों को रखने से सड़कें भी सिमट रही हैं। जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है। ट्रैफिक थाना में पुलिस पदाधिकारी समेत सवा सौ जवानों की जगह 60 से ही काम चलाया जा रहा है। चौक-चौराहों पर प्रतिनियुक्त ट्रैफिक सिपाही प्रशिक्षित नहीं हैं। इसके कारण यातायात नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करवा पाते हैं।
ट्रैफिक थाना में एक भी प्रशिक्षित जवान नहीं है। सुचारू यातायात के लिए इस थाने को जिला बल उपलब्ध कराया गया है। तकरीबन पांच सौ जवानों की कमी है। कमांडेंट से होमगार्ड की मांग की गई है। जल्द उपलब्ध कराने की उम्मीद है। सिल्क मिल बहादुरपुर के पास ढाई एकड़ जमीन पर ट्रैफिक थाना बनाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है। -आशीष भारती, एसएसपी भागलपुर।