TMBU: अतिथि शिक्षकों के सेवा विस्तार के लिए 21 से शुरू होगी स्क्रीनिंग, देखिए किस विषय की कब होगी स्क्रीनिंग
टीएमबीयू में अतिथि शिक्षकों के सेवा विस्तार के लिए 21 से स्क्रीनिंग शुर होगी। 21 जून को साइंस संकाय से जुड़े 22 जून को सोशल साइंस और 23 जून को कार्मस और ह्मूमेनिटीज संकाय के विषयों के शिक्षकों के दस्तावेजों और परफार्मेंश रिपोर्ट की चयन समिति के समक्ष स्क्रीनिंग होगी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) ने अतिथि शिक्षकों की दोबारा सेवा बहाल करने को लेकर कवायद शुरू कर दी है। टीएमबीयू में पूर्व से कार्यरत करीब सवा सौ अतिथि शिक्षकों को 11 माह का सेवा विस्तार देने को लेकर स्क्रीनिंग की तिथि जारी कर दी है। 21 जून को साइंस संकाय से जुड़े, 22 जून को सोशल साइंस और 23 जून को कार्मस और ह्मूमेनिटीज संकाय के विषयों के अतिथि शिक्षकों के दस्तावेजों और परफार्मेंश रिपोर्ट की चयन समिति के समक्ष स्क्रीनिंग होगी। समिति ही सेवा विस्तार को लेकर अपना निर्णय देगी।
आज सभी विभागों और कॉलेजों से आ जाएगी परफार्मेंश रिपोर्ट
टीएमबीयू ने एक जून को जारी अधिसूचना में कहा था कि 10 दिनों के अंदर सभी विभाग और कॉलेज अतिथि शिक्षकों की परफार्मेंस रिपोर्ट विश्वविद्यालय को भेज दें। गुरूवार को रिपोर्ट भेजे जाने का अंतिम दिन है। सभी जगहों से परफार्मेंस रिपोर्ट आ जाने के बाद उसकी स्क्रूटनी होगी। इसके बाद 21 जून से 23 जून तक स्क्रीङ्क्षनग होगी। जिसमें कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता समिति का नेतृत्व करेंगी।
11 माह के लिए मिलेगा सेवा विस्तार
शिक्षा विभाग के नए संकल्प के अनुसार इस बार अतिथि शिक्षकों को स्क्रीनिंग के पश्चात 11 माह के लिए सेवा विस्तार मिलेगा। इसी बात का विरोध टीएमबीयू का अतिथि शिक्षक संघ कर रहा है। उनका कहना है कि उनकी नियुक्ति 11 माह की शर्त के साथ नहीं हुई थी। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की संख्या पूरी होने तक उनकी नियुक्ति की गई थी। बावजूद अचानक अब नियम में बदलाव को लेकर वे लोग विरोध कर रहे हैं।
कुलपति होंगी समिति की अध्यक्ष
शिक्षा विभाग, बिहार सरकार ने समिति के लिए सूची जारी की है। इसमें संबंधित विश्वविद्यालय की कुलपति सदस्य अध्यक्ष होंगी। इसके साथ कुलपति द्वारा नामित एक संबंधित विषय का एक विषय विशेषज्ञ, संबंधित विभाग का एक विभागाध्यक्ष, संबंधित संकाय के संकायध्यक्ष (जहां लागू) और अनुसूचित जाति/जनजाति/अत्यंत पिछड़ा वर्ग/महिला/दिव्यांग श्रेणी का एक शिक्षाविद् सदस्य के रूप में होगा। यही समिति अतिथि शिक्षकों के मामले में अंतिम रूप से निर्णय लेगा।