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TMBU : यहां सक्रिय है फर्जी नामांकन कराने वाला गिरोह, कॉलेज से विवि पर है पकड़

TMBU यह विवि कई फर्जी कार्यों के लिए हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। नामांकन से लेकर रिजल्‍ट तक में सेटिंग का खेल होता है। कई बार तो फर्जी अंकपत्र भी दे देते हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 11:41 AM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 11:41 AM (IST)
TMBU : यहां सक्रिय है फर्जी नामांकन कराने वाला गिरोह, कॉलेज से विवि  पर है पकड़
TMBU : यहां सक्रिय है फर्जी नामांकन कराने वाला गिरोह, कॉलेज से विवि पर है पकड़

भागलपुर [बलराम मिश्र]। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में फर्जी नामांकन और परीक्षाफल प्रकाशित कराने वाला गिरोह सक्रिय है। इस गिरोह के सदस्य छात्रों का संबद्ध कॉलेज में नामांकन कराने की जिम्मेदारी लेते हैं। साथ ही कई बार इन्हें फर्जी अंकपत्र भी दे देते हैं। इसके एवज में मोटी रकम वसूली जाती है। बताया जाता है कि गिरोह के तार कॉलेजों से लेकर विश्वविद्यालय तक से जुड़े हुए हैं। पेंडिंग रिजल्ट सुधरवाने के लिए विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में पहुंचने वाले छात्रों को भी ये फांसने की कोशिश में रहते हैं।

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खुद जारी कर देते हैं रजिस्ट्रेशन नंबर : गिरोह के सदस्य मुख्य रूप से झारखंड और बंगाल के छात्रों को फांसने की कोशिश में रहते हैं। दूसरे राज्यों के छात्र स्थानीय दलालों से उलझने से बचते हैं। बिहार के छात्र भी इनके चंगुल में फंसते हैं, लेकिन इनकी संख्या काफी कम होती है। ऐसे छात्र दलाल के माध्यम से कॉलेज में नामांकन कराते हैं। पहले दिन दलाल छात्र को कॉलेज घुमाता है और कॉलेज के कर्मियों से परिचय भी कराता है, ताकि छात्र को महसूस हो कि कॉलेज में दलाल की अच्छी-खासी पैठ है। इसके बाद छात्रों से मोटी रकम लेकर दलाल उसके कागजात रख लेता है। कई बार छात्र को फर्जी रजिस्ट्रेनशन नंबर जारी करने का मामला भी सामने आया है। दलाल कॉलेज में होने वाले अन्य छात्रों के पंजीयन का सीरियल नंबर कर्मियों की मिलीभगत से पता कर लेता है। इसके बाद इसी से मिलता-जुलता फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर जारी कर दिया जाता है। परीक्षा की तिथि जारी होने के बाद इन दलालों की सक्रियता बढ़ जाती है।  

छात्रों का कॅरियर दाव पर : टीएमबीयू में एक साथ 30 से 40 हजार के करीब छात्रों के फॉर्म जांच के लिए जाते हैं। पंजीयन संख्या को विश्वविद्यालय में सत्यापित करना संभव नहीं है। इसी का फायदा दलाल उठाते हैं और फर्जी पंजीयन नंबर पर ही टीएमबीयू से एडमिट कार्ड जारी कर दिया जाता है। इसके आधार पर छात्र परीक्षा पास कर लेते हैं। मूल प्रमाण-पत्र लेने के समय फर्जीवाड़ा पकड़ा जाता है। इससे ऐसे छात्रों का कॅरियर दाव पर लग जाता है।

परीक्षा विभाग में इस तरह के मामले पूर्व में भी पकड़े गए हैं। कइयों के विरुद्ध कार्रवाई हुई है। इस पर और सख्ती की जाएगी। - अरुण कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक, टीएमबीयू


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