Lok Sabha Election 2019 : इस बार युवा तय करेंगे हवा का रुख
भागलपुर में नए वोटर निर्णायक भूमिका में होंगे। पिछले चुनाव में 9 हजार चार सौ पच्चासी वोट से भाजपा के हाथ से सीट निकल गई थी। 11875 नोटा का प्रयोग हुआ था।
भागलपुर [संजय]। तो क्या वे दिन लद गए जब गांव में नीम-बरगद के पुराने पेड़ के नीचे खाट लगाकर, मूंछों पर ताव देते, पंचायती करते गांव के बड़े बुजुर्ग चुनाव की हवा का रूख तय करते थे। कम से कम चुनाव आयोग के आंकड़ों का ताजा विश्लेषण तो ऐसा ही कहता है। लाठी टेककर चलने वाले गांव के जो बड़े बुजुर्ग नेताओं को चुनाव में पांव छूने को मजबूर करते थे उनकी हनक अब वैसी नहीं रहने वाली। बालों में जेल लगाकर, सिक्स पैक, घुटने से ऊपर और कमर से नीचे सरकती जींस में सजे स्मार्टफोन पर पबजी और न जाने कौन कौन सा खेल खेलने वाले युवाओं के हाथों में चुनाव की चाबी होगी। यानी नेताजी को चुनाव जीतना है तो बुजूर्गों के पांव छूने से पहले इन युवाओं को लुभाना होगा। इस बार 11,056 वोटर 2019 में पहली बार वोट डालेंगे। इन नए वोटरों में से करीब 18-19 साल के बीच के हैं जो लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट कर रहे होंगे। 2014 के चुनावों में युवाओं को अपनी तरफ मोड़ने के लिए माहौल बना था। इस बार युवा और ज्यादा अपडेट हुए है।
भागलपुर में नए वोटर निर्णायक भूमिका में होंगे। पिछले चुनाव में 9 हजार चार सौ पच्चासी वोट से भाजपा के हाथ से सीट निकल गई थी। 11,875 नोटा का प्रयोग हुआ था। इस बार तेजस्वी यादव के हाथ में कमान आने से राजद युवाओं को आकर्षित करने की कोशिश में लगी है। इसके साथ ही भाजपा के स्टूडेंट विंग एबीवीपी ने भागलपुर यूनिवर्सिटी में सालभर पूर्व हुए छात्र संघ चुनावों में जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार हुए विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के अध्यक्ष पद पर राजद का कब्जा हुआ। इसका कुछ असर युवाओं पर दिखेगा।
नए वोटर इस बार चुनाव को अपनी उंगलियों पर नचाने में सक्षम दिखते हैं। चुनावी समीकरण जो भी हो लेकिन नए वोटरों का दबदबा रहेगा। युवा वोटर निर्णायक होने वाले हैं यहां भाजपा के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। इसलिए अगर वह किसी सेंधमारी में सफल रहती है तो उसकी बड़ी उपलब्धि ही होगी। युवा शब्द को विस्तार दें तो यह वायु बन जाता है। इस बार तो युवा राजनीति में तूफान बनने की हैसियत में खड़े दिखते हैं। अब देखना होगा कि इस तूफान में किसकी कश्ती डूबेगी और किसकी पार लग जाएगी।