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भागलपुर के इस दारोगा ने पाक्सो मामले की केस डायरी दबाई, विशेष न्यायाधीश ने कार्रवाई के लिए SSP को लिखा पत्र

दो साल तक केस डायरी दबाने वाले दारोगा बुरे फंसे। पाक्सो के विशेष न्यायाधीश ने एसएसपी को जांचकर्ता गजेंद्र सिंह के विरुद्ध कार्रवाई के लिए लिखा पत्र। कजरैली थाने में तैनात दारोगा पर पाक्सो एक्ट से जुड़े एक केस में हेराफेरी का है आरोप।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 01:03 PM (IST)Updated: Wed, 24 Nov 2021 01:03 PM (IST)
भागलपुर का मामला, दारोगा ने छिपाई रखी केस डायरी।

जागरण संवाददाता, भागलपुर : पाक्सो मामले से जुड़े 2018 के एक मुकदमे में दो साल तक अंतिम प्रपत्र और केस डायरी दबाये रखना कजरैली थाने में तैनात दारोगा गजेंद्र सिंह को महंगा पड़ गया। विशेष न्यायाधीश आनंद कुमार सिंह ने दारोगा की कारगुजारी पकड़ते हुए उसके विरुद्ध कार्रवाई के लिए एसएसपी निताशा गुड़िया को पत्र लिखा है।

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विशेष न्यायाधीश ने कहा है कि उनके न्यायालय में लंबित पाक्सो कांड संख्या 6219-2018 जो कजरैली थाना कांड संख्या 222-2018 से जुड़ा है, उस कांड में 30 अक्टूबर 2021 को अंतिम प्रपत्र समर्पित किया गया है। अंतिम प्रपत्र 31 दिसंबर 2018 का है। दारोगा की तरफ से समर्पित फाइनल रिपोर्ट देखने से यह प्रतीत होता है कि तत्कालीन जांचकर्ता गजेंद्र सिंह ने फाइनल रिपोर्ट तथ्य की भूल काटकर न्यायालय में जमा नहीं किया। न्यायालय ने चार अगस्त 2021 को प्रस्तुत वाद में अंतिम प्रपत्र की मांग की थी, जिसके आलोक में 30 अक्टूबर 2021 को अंतिम प्रपत्र जो वर्ष 2018 का काटा गया है, उसे समर्पित किया गया है।

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विशेष न्यायाधीश ने पत्र में कहा है कि जब इस संबंध में वर्तमान थानाध्यक्ष नवनीश कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया तो थानाध्यक्ष ने यह प्रतिवेदन समर्पित किया कि थाने में पुरानी फाइल के नीचे अंतिम प्रपत्र दबा मिला, जिसे न्यायालय में समर्पित किया जा रहा है। विशेष न्यायाधीश ने कहा है कि ऐसा लगता है इस कांड के जांचकर्ता गजेंद्र सिंह ने जान बूझकर फाइनल रिपोर्ट और केस डायरी को दबा दिया था। जबकि यह मुकदमा पाक्सो अधिनियम के तहत दर्ज है। इस मुकदमे में लगभग दो साल बीत जाने के बाद फाइनल रिपोर्ट यानी अंतिम प्रपत्र समर्पित करना पाक्सो अधिनियम के नियमों के विरुद्ध है। विशेष न्यायाधीश ने तल्ख टिप्पणी करते हुए एसएसपी को मामले में कार्रवाई करने को कहा है।


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