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यहां बाढ़ के दौरान तीन माह स्‍कूलों में लटक जाता है ताला, सामान्‍य दिनों में शिक्षक ही नहीं आते

जिले के बाढग्रस्त प्रखंडों में स्थित सरकारी स्कूल बारिश के दिनों में बंद ही रहता है। जिले के पांच प्रखंडों के करीब 150 से अधिक स्कूलों में बाढ का पानी जमा रहता है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 09:31 AM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 09:31 AM (IST)
यहां बाढ़ के दौरान तीन माह स्‍कूलों में लटक जाता है ताला, सामान्‍य दिनों में शिक्षक ही नहीं आते
यहां बाढ़ के दौरान तीन माह स्‍कूलों में लटक जाता है ताला, सामान्‍य दिनों में शिक्षक ही नहीं आते

सहरसा, जेएनएन। आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी दियारा के इलाके में नौनिहालों का भविष्य अंधकारमय है। कहने को इन इलाकों में भी स्कूल संचालित हैं। बच्चे स्कूल भी आ रहे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि बाढ़ के दौरान तीन महीने इन स्कूलों में ताला लटकता रहता है। उच्च शिक्षा के लिए विद्यालयों की कमी और शिक्षकों के विद्यालय नहीं पहुंचने की शिकायत आज भी इस इलाके में बरकरार है। वैसे विभाग के अधिकारी कागजों में विद्यालयों का निरीक्षण करते हैं लेकिन हकीकत में यह कोसों दूर है।

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जिले के बाढग्रस्त प्रखंडों में स्थित सरकारी स्कूल बारिश के दिनों में बंद ही रहता है। जिले के पांच प्रखंडों के करीब 150 से अधिक स्कूलों में बाढ का पानी जमा रहता है। जिस कारण ऐसे स्कूलों में पठन-पाठन पूरी तरह ठप ही रहता है। जिले के दसों प्रखंडों में से पांच प्रखंड बाढ़ हैं। जिले के महिषी, नवहट्टा, सोनवर्षा राज, सलखुआ एवं बनमा ईटहरी प्रखंड है। इन प्रखंडों में करीब 284 प्रारंभिक एवं उच्च विद्यालयों की संख्या है। जिले के कोसी तटबंध के अंदर कई विद्यालय कोसी नदी के आसपास हैं। जिस कारण हर बार आनेवाली बाढ़ की चपेट में स्कूल आ जाते हैं। इन स्कूलों में बारिश के दिनों में ही बच्चों को अवकाश मिलता है। जिले के महिषी, सलखुआ एवं नवहटटा प्रखंड के अधिकांश स्कूल बाढ प्रभावित हैं। वहीं सोनवर्षा एवं बनमा ईटहरी प्रखंड के कुछ स्कूल ही बाढ़ प्रभावित होते हैं।

वहीं इस वर्ष से ही वर्ग नवम के लिए प्रखंड के हर पंचायत में मिडिल स्कूल को ही हाई स्कूल में उत्क्रमित किया है। हाई स्कूल विहीन 62 पंचायतों में हाई स्कूल खोला गया और नवम वर्ग में नामांकन पखवाडा चलाया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में करीब पांचों प्रखंडों में 20 हाई स्कूल बाढ़ प्रभावित हैं। झाड़ा के रामचंद्र प्रसाद, कठडुमर के रणविय सिंह कहते हैं कि बच्चों को पढ़ाने के लिए जिला मुख्यालय का ही आसरा है। दियारा में बस नाम के स्कूल संचालित होते हैं। सक्षम परिवार के लोग तो अपने बच्चों को शहर भेजकर कर पढ़ा लेते हैं लेकिन कमजोर परिवार के बच्चे नहीं पढ़ पाते हैं। वैसे कागजों में उनकी पढ़ाई खूब होती है।

बाढ़ प्रभावित प्रखंड में स्कूल की संख्या

प्रखंड का नाम  - स्कूलों की संख्या

सलखुआ          - 81      

बनमा ईटहरी     -  21

सोनवर्षा           - 35

महिषी             - 92

नवहटटा          - 55

धीरे-धीरे खुल रहे हैं स्कूल

जिले के बाढ प्रभावित प्रखंडों में धीरे-धीरे स्कूल खुल रहा है। अभी स्कूलों में शिक्षकों को जाने का निर्देश है। बाढ प्रभावित क्षेत्र में 284 स्कूलों में से करीब एक सौ स्कूल बाढ के कारण बंद है। शेष स्कूल खुला है। - जयशंकर प्रसाद ठाकुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी


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