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बिहार: मधेपुरा में स्वास्थ्यकर्मियों की घोर कमी, कोरोना की तीसरी लहर कैसे थमेगी? पढ़ें ये रिपोर्ट

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकार ये दावा कर रही है कि हम पूरी तरह तैयार हैं लेकिन बिहार के मधेपुरा में एक बड़ी आबादी के बीच महज कुछ ही डॉक्टर तैनात हैं। 200 से ज्यादा डॉक्टरों की कमी है नर्स व एएनएम की स्थिति भी कुछ ऐसी है।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 06:28 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 06:28 PM (IST)
बिहार: मधेपुरा में स्वास्थ्यकर्मियों की घोर कमी, कोरोना की तीसरी लहर कैसे थमेगी? पढ़ें ये रिपोर्ट
मधेपुरा में स्वास्थ्यकर्मियों का घोर अभाव। आंकड़े कुछ यही कर रहे बयां...

धर्मेंद्र भारद्वाज, जागरण संवाददाता, मधेपुरा। कोविड-19 संक्रमितों की संख्या भले ही हम हो गई हो, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बरकरार है। ऐसे में रक्षक(चिकित्सक) की कमी सबकी चिंता बढ़ा रही है। यद्यपि तीसरी लहर की आशंका को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की कमी परेशान कर रहा है।

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वहीं अस्पतालों में वेंटिलेटर, आक्सीजन की व्यवस्था दुरूस्त की जा रही है। विभाग ने जिले के चार चिकित्सकों व छह एनएम को आनलाइन प्रशिक्षण भी दिलाया है। ताकि लगातार बदल रहे वायरस को समझ सके। उसी अनुरूप तैयारी हो। कोरोना को लेकर जिल के जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कालेज में 354 बेड की व्यवस्था है।

दूसरी ओर बच्चों के लिए 60 बेड की व्यवस्था की गई है। सदर अस्पताल, क्रिश्चन हास्पीटल व उदाकिशुनगंज अस्पताल में भी कोरोना की आशंका को लेकर तैयारी की जा रही है। यहां भी समुचित मात्रा में बेड व आक्सीजन उपलब्ध है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि तीसरी लहर की आशंका को लेकर विभाग सतर्क है।

  • 330 पद स्वीकृत हैं जिले में चिकित्सकों के
  • 130 चिकित्सकों के भरोसे चलाया जा रहा है काम
  • 200 रिक्त पद है जिले के विभन्न अस्पतालों में चिकित्सकों का
  • 313 के बदले मात्र 85 ए ग्रेड नर्स के भरोसे हो रहा है काम
  • 1114 पद स्वीकृत है एएनएम का जिले में
  • 499 एएनएम ही है जिले भर में कार्यरत
  • 03 लाख चार हजार 992 लोगों को अब तक जिले में लग चुका है कोरोना का टीका
  • 24 लाख जनसंख्या है मधेपुरा जिला का

चिकित्सकों की कमी बढ़ा रही परेशानी

अस्पतालों में स्टाफ का संकट परेशान कर रहा है। जिले के विभिन्न अस्पतालों में 330 चिकित्सकों का पद स्वीकृत हैं। जबकि 130 चिकित्सक ही पदस्थापित हैं। वहीं 200 पद रिक्त है। ऐसे में दिक्कत होना स्वभाविक है। वहीं कर्मी की स्थिति भी ठीक नहीं है। ए ग्रेड नर्स का 126 व एएनएम का 615 पद रिक्त है।ऐसे में तीसरी लहर से लड़ने में परेशानी हो सकती है।

एक चिकित्सक के हिस्से 18 हजार की आबादी

विभिन्न अस्पतालों में पदस्थापित 130 चिकित्सक पर जिले का भार है। वर्तमान में जिले की जनसंख्या 24 लाख के करीब है। इस स्थिति में एक चिकित्सक पर 18 हजार से अधिक लोगों का भार है। विभाग ने कई बार स्थिति को लेकर पत्राचार किया है। लेकिन चिकित्सकों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। पिछले दिनों कुछ चिकित्सकों की बहाली हुई थी। लेकिन इतने अधिक रिक्त पदों पर कम संख्या में बहाल चिकित्सक नाकाफी है।

चिकित्सक : स्वीकृत पद : पदस्थापित : रिक्त

नियमित : 263 : 126 : 137

संविदा पर : 67 : 04 : 63

नर्स ग्रेड ए

नियमित : 243 : 83 : 160

संविदा पर : 70 : 02 : 68

एएनएम

नियमित : 923 : 475 : 448

संविदा पर : 191 : 24 : 167

अस्पताल : बेड : आक्सीजन सिलिंडर

मेडिकल कालेज : 354 : 102

मिशन हास्पीटल : 46 : 15

उदाकिशनुगज अस्पताल : 100 : 30

टीकाकरण की स्थिति

अब तक हुआ टीकाकरण : 3,04,992

प्रथम डोज : 2,64,278

द्वितीय डोज : 40,714

'कोरोना की तीसरी लहर आशंका को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। चिकित्सकों की कमी की बात विभाग को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है।'-अमरेंद्र नारायण शाही, सिविल सर्जन, मधेपुरा


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