गैस एजेंसी हर माह कर रही लाखों में खेल, उपभोक्ताओं को प्रतिदिन 40 हजार रुपये का लगा रही चूना Bhagalpur News
होटल रेस्तरां और फास्ट फूड संचालकों की नियमित जांच नहीं होने से व्यावसायिक सिलिंडरों के नाम पर टैक्स चोरी भी जमकर हो रही है। यह खेल प्रशासनिक अधिकारियों की जानकारी में चल रहा है।
भागलपुर, जेएनएन। गैस एजेंसियां सरकार की ओर से दी जाने वाली कैश एंड कैरी (सीएनसी) छूट का खूब फायदा उठा रही है। ग्राहकों को अंधेरे में रखकर 27 रुपये मिलने वाली छूट खुद हड़प ले रही है। जिले में कुल 35 गैस एजेंसियां संचालित हैं। औसतन 1100 से 1200 के बीच उपभोक्ता सिलिंडर लेने खुद ही एजेंसी अथवा गोदाम पहुंचते हैं। रोजाना 35 हजार रुपये सीएनसी से आते हैं। महीने में यह आंकड़ा 12 लाख रुपये तक पहुंच जाता है। उपभोक्ता इससे पूरी तरह अनजान हैं।
व्यावसायिक सिलिंडरों की आड़ में टैक्स में घपला
होटल, रेस्तरां और फास्ट फूड संचालकों की नियमित जांच नहीं होने से व्यावसायिक सिलिंडरों के नाम पर टैक्स चोरी भी जमकर हो रही है। यह खेल प्रशासनिक अधिकारियों की जानकारी में चल रहा है। इस पर लगाम नहीं लग रहा है। व्यावसायिक सिलिंडरों पर जीएसटी 18 फीसद लगता है। टैक्स बचाने की जुगत में लोग छोटे सिलिंडरों से रिफिलिंग करते हैं। आपूर्ति पदाधिकारी (डीएसओ) को इसकी जांच करनी है, लेकिन कहीं जांच नहीं हो पा रही है।
गोदाम से सिलिंडर नहीं लेने के लिए जागरूकता
शहर की कुछ एजेंसियां गोदाम से सिलिंडर नहीं लेने के लिए ग्राहकों को जागरूक भी कर रही हैं। इसके लिए शोरूम और गोदाम के बाहर बैनर लगाया जा रहा है। वेंडरों को किसी भी कीमत पर पैसा नहीं लेने कहा जाता है। इसके बाद भी वे ग्राहकों से पैसा वसूलते हैं।
जांच कर गैस की आपूर्ति नहीं
शनिवार को भारत पेट्रोलियम, इंडेन और भारत गैस वितरक की गाडिय़ां मिलीं। वेंडर ग्राहकों को घर तक गैस की डिलीवरी करते दिखे। वेंडर श्याम, रामकुमार, रामविलास और सुरेंद्र ने बताया कि बख्शीश के रूप में मांगते हैं। हर ग्राहक 25 से 30 रुपये तक देता है। ग्राहक गैस सिलिंडर का वजन जांच नहीं करवाते हैं, जो ग्राहक जांच के लिए कहते हैं, उन्हें जांच कर सिलिंडर दिया जाता है।
सभी ग्राहकों को होम डिलीवरी से ही गैस की आपूर्ति की जाती है। ग्राहकों को इसके लिए जागरूक भी किया जाता है। कभी-कभार कोई ग्राहक खुद सिलिंडर लेकर पहुंचता है। ऐसे ग्राहकों को सीएनसी नहीं देते हैं। 24 घंटे के अंदर शहरी से सुदूर इलाकों में गैस की आपूर्ति कर दी जाती है। -नीतेश कुमार सिंह, प्रबंधक, एनके कुकिंग।
रिफिलिंग धंधा रोकने के लिए प्रशासन को कहा गया है। किसी रेस्तरां या दुकान में दो से ज्यादा सिलिंडर रखना गैरकानूनी है। छापेमारी करने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी की है। कहीं कोई वेंडर पैसे की मांग करें तो सीधा संबंधित एजेंसी से शिकायत करें। -आलोक कुमार, अधिकारी आइओसी।
मुख्य बातें
-गैस वितरक नहीं करते कैश एंड कैरी नियम का पालन
-अधिकारी भी नहीं करते रेस्तरां और गैस रिफिलिंग की जांच
-35 से 38 हजार रुपये की चपत रोज लगा रहे उपभोक्ताओं को
-10 से 12 लाख रुपये महीने की ज्यादा कमाई
-35 से 40 ग्राहक औसतन एक एजेंसी पर खुद पहुंचते हैं सिलिंडर लेने
-400 से ज्यादा सिलिंडर की होम डिलीवरी रोजाना करती है एक एजेंसी