श्रीबाबू को चुनने वाले 312 मतदाताओं को नहीं भा रही वर्तमान राजनीति, इस बार नीतीश-तेजस्वी को चुनेंगे
जमुई जिले में तीन सौ से ज्यादा ऐसे मतदाता हैं जिन्होंने पहले चुनाव में भी भाग लिया था। जिले के चारों विधानसभा में इसकी अच्छी खासी संख्या है। कुछ तो इसमें स्वतंत्रता सेनानी भी हैं। इन मतदाताओं को वर्तमान राजनीति पसंद नहीं आ रही है।
जमुई [अरविंद कुमार सिंह]। लोकतंत्र की पौध को पुष्पित करने के लिए इस चुनाव में 312 वैसे मतदाता भी मतदान करेंगे, जिन्होंने जीवन के 100 वसंत पूरे कर लिए हैं। इनमें कइयों ने श्रीबाबू को मुख्यमंत्री चुना था और अब नीतीश-तेजस्वी में किसी एक को चुनेंगे। अर्थात, प्रथम चुनाव में भी मतदान किया था। स्वतंत्रता सेनानी डॉ. श्रीकृष्ण सिंह को अधिकांश लोग उन्हें सम्मान और श्रद्धा से "बिहार केसरी" और "श्रीबाबू" के नाम से संबोधित करते हैं। अब इन मतदाताओं को वर्तमान राजनीति नहीं भा रही है।
निर्वाचन कोषांग के आंकड़े बता रहे हैं कि जमुई के चार विधानसभा क्षेत्र में सौ साल से ऊपर के सर्वाधिक वोटर चकाई विधानसभा क्षेत्र में हैं। यहां की मतदाता सूची में 100 साल से अधिक उम्र के 132 मतदाताओं के नाम दर्ज हैं। इस चुनाव में 13,425 नए वोटरों को भी पहली बार मतदान का अवसर मिलेगा।
मतहरण और दहशत की बातें बनीं अतीत
झाझा विधानसभा क्षेत्र के लक्ष्मीपुर प्रखंड के अंतर्गत हरला गांव निवासी 103 वर्षीय जनार्दन सिंह ने पहले चुनाव में मतदान किया था। वे बताते हैं कि वक्त के साथ चुनाव में भय का साया और मतहरण की बातें अतीत बन चुकी हैं। नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या नौ हांसडीह निवासी 107 वर्षीय पार्वती देवी और वार्ड संख्या दो उझंडी के 103 वर्षीय मतदाता काशी रावत शरीर से लाचार हो चुके हैं, लेकिन वोट देने अवश्य जाएंगे।
अलीगंज प्रखंड के कोदवरिया गांव निवासी 103 वर्षीय कपूरवा देवी ने पहली बार शाह मुस्ताक यानी कि कांग्रेसी नेता तारिक अनवर के पिता को वोट दिया था। सिकंदरा विधान सभा क्षेत्र की ही खैरा प्रखंड अंतर्गत कुरवाटांड़ गांव निवासी स्व केशव सिंह की पत्नी 110 वर्षीया गिरिजा देवी ने पहली बार वोट दिया था। तब श्रीबाबू मुख्यमंत्री बने थे। झाझा विधानसभा अंतर्गत लक्ष्मीपुर प्रखंड के मसलै गांव निवासी स्वर्गीय गुरु प्रसाद मंडल की पत्नी माधुरी देवी ने भी जीवन के 100 साल पूरे कर लिए हैं। उन्हें मलाल है कि उनके घर से मतदान केंद्र की दूरी दो किमी है। बावजूद, वह मताधिकार का प्रयोग करने अवश्य जाएंगी। इन मतदाताओं को अपेक्षित विकास नहीं होने का दर्द भी कचोट रहा है।
विधानसभावार वयोवृद्ध मतदाताओं की संख्या
सिकंदरा- 77
जमुई- 42
झाझा- 61
चकाई-132