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लकी ड्राॅ में कीमती सामान फंसने का जमशेदपुर से साइबर बदमाश देते हैं प्रलोभन

भागलपुर के कई थानों में साइबर क्राइम के कई मामले दर्ज है। इसमें गाड़ी का प्रलोभन देकर पैसे एकाउंट में डलवाने की शिकायत है। ज्यादातर फोन झारखंड राज्य से ही आए हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 05:36 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 05:36 PM (IST)
लकी ड्राॅ में कीमती सामान फंसने का जमशेदपुर से साइबर बदमाश देते हैं प्रलोभन
लकी ड्राॅ में कीमती सामान फंसने का जमशेदपुर से साइबर बदमाश देते हैं प्रलोभन

भागलपुर (जेएनएन)। आपके मोबाइल पर लक्की ड्रॉ में टाटा सफारी, बाइक और अन्य कीमती सामान फंसने का फोन या मैसेज आए तो उसे इग्नोर कर दें और पुलिस को इसकी सूचना दें। यह कॉल पूरी तरह गलत और फर्जी है। इन दिनों झारखंड के जमशेदपुर से एक साइबर गिरोह इस तरह के कॉल कर लोगों को ठगने का काम कर रहा है। लौहनगरी साइबर अपराधियों का गढ़ बन चुका है। शहर में रोजना दर्जनों लोगों को इस तरह के फर्जी कॉल्स आ रहे हैं। गिरोह के सदस्य लोगों का मोबाइल नंबर ऊपर कर बकायदा एकाउंट नंबर और आधार और पैन नंबर तक भेज रहे हैं। तकनीक का बेजा इस्तेमाल कर साइबर अपराधी दूसरे शहरों के लोगों के बैंक खाते रुपये डालने की बात करते हैं।

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शनिवार को जमशेदपुर से नितिन कुमार सिंह पिता जंग बहादुर सिंह ने व्हाट्सअप पर आधार नंबर और पैन नंबर के साथ एकाउंट नंबर भी भेजा। पीडि़त को मु. अब्दूला मंडल का एसबीआइ का एकाउंट नंबर (36935075933) भेजा और स्नैप डील में खरीदारी करने पर एक लक्की ड्रॉ में टाटा सफारी गाड़ी मिली है, इसके निबंधन के लिए 6550 रुपये देने के लिए कहा। बकायदा 7541945404 नंबर से पैसा जमा करने के लिए लगातार फोन आता रहा। अंत में पीडि़त ने फोन उठाना बंद कर दिया।

कई थानों में इस तरह के मामले हैं दर्ज

भागलपुर के कई थानों में इस तरह कई मामले दर्ज है। इसमें गाड़ी का प्रलोभन देकर पैसे एकाउंट में डलवाने की शिकायत है। ज्यादातर फोन झारखंड राज्य से ही आए हैं। साइबर बदमाश दूसरे के नाम पर नंबर अलॉट कर इस तरह से ठगी के धंधे को बढ़ावा दे रहे हैं।

ऑनलाइन कंपनियां देती है नंबर

साइबर बदमाशों के पास लोगों का नंबर ऑनलाइन सामान बेचने वाली कंपनियां उपलब्ध कराती है। लोग अलग-अलग कंपनियों से सामान बुक करते हैं। इनके पास संबंधित ग्राहकों का मोबाइल नंबर से लेकर घर का पता तक होता है। इन्हीं कंपनियों से सांठ-गांठ कर साइबर गिरोह नंबर ऊपर करता है और फिर लोगों को ठगी का शिकार बनाता है।


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