सृजन घोटाला : चेक पर डीएम का हस्ताक्षर निकला फर्जी, जानिए... किसने किया था फर्जीवाड़ा Bhagalpur News
CBI द्वारा दायर आरोप पत्र में इस बात का उल्लेख है कि पूछताछ में तितरमारे ने बताया कि जिन चेकों से सरकारी रुपये निकाल कर आपस में बंदरबांट की गई उन चेक पर उनका हस्ताक्षर नहीं है।
भागलपुर, जेएनएन। सृजन घोटाला मामले में जिन चेकों से 4.5 करोड़ से अधिक रुपये की निकासी की गई उन चेकों पर तत्कालीन जिलाधिकारी (डीएम) का हस्ताक्षर जांच में फर्जी निकला। सीएफएसएल की जांच रिपोर्ट आने के बाद सीबीआइ ने भागलपुर के तत्कालीन डीएम आदेश तितरमारे को इस घोटाले से जुड़ी एक प्राथमिकी में क्लीनचिट दे दिया है।
सीबीआइ द्वारा दायर आरोप पत्र में इस बात का उल्लेख है कि पूछताछ के क्रम में तितरमारे ने बताया कि जिन चेकों से सरकारी रुपये निकाल कर आपस में बंदरबांट की गई, उन चेक पर उनका हस्ताक्षर नहीं है। मेरा हस्ताक्षर फर्जी किया गया है। बाद में सीबीआइ ने हस्ताक्षर जांच के लिए सीएफएसएल भेजा। जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि उन चेकों पर लिखावट एनवी. राजू नामक व्यक्ति की है। सीबीआइ ने मामले में प्राथमिकी 2017 में दर्ज की थी।
सीबीआइ ने सृजन घोटाला से जुड़ी दो अन्य प्राथमिकी में छह आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। पहली प्राथमिकी में भागलपुर इंडियन बैंक के तत्कालीन सहायक प्रबंधक हरेकृष्ण अडक, सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के तत्कालीन प्रभारी प्रबंधक बालमुकुंद यादव तथा सृजन के तत्कालीन प्रबंधक सरिता झा के खिलाफ आरोप लगाया गया है। इस मामले में आरोप है कि फरवरी 2008 से लेकर जुलाई 2010 के बीच सरकारी खाते से सृजन के खाते में जालसाजी कर 3.65 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भेजी गयी। यह सरकारी खाता नवगछिया प्रखंड का था तथा रुपये स्वतंत्रता सेनानियों के थे। दूसरी प्राथमिकी के आरोप पत्र में सीबीआई ने बड़ौदा बैंक के तत्कालीन प्रबंधक नवीन कुमार और तत्कालीन विशेष सहायक संत कुमार और सृजन की सरिता झा को आरोपित किया है।