फर्जी निकली बिहार के मनीष के UPSC पास करने की खबर, दिल्ली के मनीष को मिला है 581वां रैंक
बिहार के मनीष की यूपीएससी पास करने की खबर फर्जी निकली। वह सहरसा शहर का रहने वाला है। जबकि बिहार नहीं दिल्ली के मनीष को यूपीएससी में 581वां रैंक मिला है। क्या है पूरा मामला जानिए इस खबर में।
सहरसा, राजन कुमार। बिहार के सहरसा शहर के नया बाजार निवासी मुसाफिर सिंह के पुत्र मनीष कुमार के यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में सफलता की कहानी पूरी झूठी निकली। वास्तविक मनीष कुमार दिल्ली का रहनेवाला है, जिसने 581वां रैंक हासिल किया है। बीते 24 सितंबर 21 को परीक्षा का परिणाम निकलने के बाद शहर के नया बाजार निवासी मनीष कुमार के घर खुशी का माहौल दिखा था। सहरसा जिले से दो युवकों की सफलता की खबर लोगों को मिली। 531 रैंक लानेवाले जिले के सलखुआ के रहनेवाले हेमंत कुमार और 581 रैंक लाने की खबर फैलने पर नया बाजार निवासी मनीष कुमार के घर शुभचिंतकों का तांता लगा रहा।
दो-तीन दिन में ही दुख में तब्दील हो गई खुशी
दूसरे दिन सभी अखबारों में यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित हुई। इंटरनेट मीडिया सहित अन्य डिजीटल मीडिया प्लेटफार्म पर सहरसा की प्रतिभा एवं युवाओं की सफलता के शान में कसीदे पढ़े गए। हर कोई सहरसा की प्रतिभा पर इतराने लगा। लेकिन यह किसी को पता नहीं था कि यह खुशी दो तीन दिन में ही दुख में तब्दील होनेवाली है। मनीष की सफलता की खबर धीरे-धीरे देश के हर कोने में फैलने लगी। यूपीएससी की परीक्षा के परिणाम वाले शीट पर रौल नंबर 0822521 के सामने मनीष कुमार का नाम लिखा हुआ था।
मूलत: सारण जिले का निवासी है परिवार
शहर के नया बाजार निवासी मनीष कुमार को बस हूबहू नाम देखकर लगा कि वह सफल हो गया है। परिणाम निकलने के बाद उसके घर पर शुभचिंतकों का तांता लगा रहा। मूलत: सारण जिले के दाउदनगर के रहनेवाले मुसाफिर सिंह की मौत वर्ष 2010 में हो चुकी थी। उनका पुत्र मनीष सहित पूरा परिवार सहरसा शहर के नया बाजार में आकर बस गया है।
दिल्ली के मनीष ने पायी सफलता
जिस मनीष कुमार ने सफलता अर्जित की है, वे दिल्ली के प्रीतमपुरा का रहनेवाले हैं। उनके पिता का नाम त्रिलोक चंद और माता का नाम सुदेश है। यूपीएससी के दिए हुए लाग इन आइडी पासवर्ड से दिल्ली के इस मनीष कुमार ने इंटरव्यू के लिए डिटेल इंफार्मेशन फार्म में अपनी यह डिटेल भी भर दी है।
परिवार में गम का है माहौल
इसकी जानकारी लगने के बाद सहरसा शहर के नया बाजार निवासी मनीष कुमार के घर पर गम का माहौल है। इस विषय पर इसके घरवाले कुछ भी बता नहीं पा रहे हैं। इस बात को लेकर खुद मनीष कुमार से बातचीत की गयी तो वे फफक कर रोने लगे। कहा कि वो तो यूपीएससी के परिणाम में बस नाम देखकर ही खुशी से झूम उठा और अपनी सफलता को लेकर खुशियां मनाने लगा।
मनीष ने बताया कि दो दिन बाद जब उसे अपने लाग इन आइडी पासवर्ड पर जानकारी मिली कि जिस मनीष कुमार ने सफलता पायी है वह एससी है तो वह परेशान हो गया। कम से कम रौल नंबर का मिलान कर लिया होता तो यह परेशानी नहीं झेलनी पड़ती।
इंटरनेट मीडिया पर चल रही है झूठी खबर
बहरहाल, सहरसा शहर मनीष कुमार की यूपीएससी में सफलता की कहानी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई है। यूपीएससी सहित अन्य कई जगहों से भी इसकी सत्यता का पता अब धीरे-धीरे लोगों को चलने लगा है।