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विक्रमशिला सेतु पर जाम से मुक्ति के लिए प्रशासन ने उठाए यह कदम, जानिए Bhagalpur News

भागलपुर व नवगछिया के पदाधिकारियों को होमगार्ड जवानों की रोस्टर सूची भी उपलब्ध कराने को कहा था ताकि औचक निरीक्षण के दौरान ड्य़ूटी स्थल पर उपस्थिति की जांच की जा सके।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 10:14 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 10:14 AM (IST)
विक्रमशिला सेतु पर जाम से मुक्ति के लिए प्रशासन ने उठाए यह कदम, जानिए Bhagalpur News

भागलपुर, जेएनएन। विक्रमशिला सेतु पर हर दिन लग रहे जाम के बाद भी यहां जवानों की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई है। जिलाधिकारी ने प्रत्येक पांच सौ मीटर पर पुलिस के जवान की प्रतिनियुक्ति और दोनों ओर से लगातार पेट्रोलिंग का आदेश दिया था। उन्होंने भागलपुर व नवगछिया के पदाधिकारियों को होमगार्ड जवानों की रोस्टर सूची भी उपलब्ध कराने को कहा था, ताकि औचक निरीक्षण के दौरान ड्य़ूटी स्थल पर उपस्थिति की जांच की जा सके। लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका है। जिला और पुलिस प्रशासन की मांग पर 150 जवानों की प्रतिनियुक्ति हो गई है। मैट्रिक परीक्षा के बाद सेतु और बाइपास पर 58 पुलिसकर्मी और होमगार्ड के जवानों की तैनाती की जानी थी।

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एंबुलेंस तक को रास्ता नहीं

इस समय पुल पर सवारी गाडिय़ों के साथ ट्रक व निजी गाडिय़ां भी एक साथ पुल पर पहुंच रहे हैं। ऐसे में पुल पर ट्रैफिक व्यवस्था मजबूत नहीं होने से एंबुलेंस में फंसे मरीजों की जान तक पर बन आती है। पुल पर कोई गाड़ी खराब हो जाने पर उसे तत्काल क्रेन से हटाए जाने की भी व्यवस्था जरूरी है।

रोज लगता है जाम

विक्रमशिला सेतु पर रोज जाम लगता है। इस कारण भागलपुर सहित नवगछिया और आसपास के जिलों में सड़कों पर वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। जिला प्रशासन के लाख प्रयास के बाद भी जाम से मुक्ति नहीं मिली।

जरूरी है यह व्यवस्था

-पुल पर दोनों तरफ से अधिक गाडिय़ों को एक साथ पुल पर नहीं छोड़ा जाए।

-तीन बजे के बाद जब ट्रकों को छोड़ा जाए तो पूरे पुल पर पुलिसकर्मी मौजूद रहें।

-ट्रकों के बीच से एंबुलेंस और निजी गाडिय़ों को निकालने की व्यवस्था हो।

-गाडिय़ों को तय गति से आगे निकाला जाए, ताकि पुल पर नहीं रुकें।

-पुल पर गाड़ी का दवाब बढ़े तो गाडिय़ों को पीछे ही रोकना जरूरी।

-पुल पर ओवरटेक रोकना जरूरी, ताकि जाम न लगे।

-पुल के बीचोबीच डिवाइडर जैसी हो व्यवस्था, ताकि गाडिय़ां एक सीध में चलें

-दोपहर तीन से शाम सात बजे तक पर्याप्त पुलिसकर्मी हों।


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