सुपौल के इस पुल के बन जाने से घट जाएगी दो प्रखंडों के बीच 12 किमी की दूरी, चार साल से लटका है अधर में
छातापुर प्रखंड की मधुबनी पंचायत के टॉवर चौक तक मिरचईया नदी को पार कर करोड़ों की लागत से 3.290 किमी लंबाई की सड़क चार साल पहले बनाई गई है। लेकिन चार साल बाद भी मिरचईया नदी पर पुल नहीं बन सका है। इससे लोग परेशान हैं।
सुपौल, जेएनएन। प्रत्येक गांव को सड़क से जोड़ने क्षेत्र के लोगों को यातायात की सुगमता प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के सरकारी व्यवस्था की खामियों से जहां संवेदक व संबंधित पदाधिकारी मालामाल होते रहे हैं। वहीं इन खामियों का दंश आम जनता को वर्ष दर वर्ष भुगतना पड़ रहा है। उक्त योजना के तहत प्रतापगंज प्रखंड के भवानीपुर पंचायत के विनोद निवास के निकट के मुख्य सड़क से निकाल कर छातापुर प्रखंड के मधुबनी पंचायत के उधमपुर सड़क मार्ग पर स्थित मस्जिद व टॉवर चौक तक भाया इमामपट्टी, टपरा गांव के निकट मिरचईया नदी को पार कर करोड़ों की लागत से 3.290 किमी लंबाई की सड़क वर्ष 16 में बनाई गई। सड़क निर्माण के वक्त दोनों प्रखंडों की एक बड़ी आबादी को लग रहा था कि विकास के मामले में अब उनके क्षेत्र के दिन भी बहुरेंगे।
घट जाती दोनों प्रखंडों की दूरी
खासकर मिरचईया नदी के उस पार के गांवों के लोगों का भी मुख्य बाजार प्रतापगंज ही होने की वजह से उन्हे अब लंबी दूरी लगभग 10 से 12 किमी तय नहीं करना पड़ेगा। लंबी दूरी तय करने की वजह से उस क्षेत्र के लोग अन्यत्र बाजार से अपनी खरीदारी करने या फिर प्रतापगंज बाजार आने को ले घोर कठिनाईयां झेलने को विवश थे। लेकिन नदी के दोनों किनारों तक सड़क के बन जाने व उक्त नदी में पुल के निर्माण नहीं कराये जाने से लोगों की विवशता बरकरार ही रही। इतना ही नहीं नदी के दोनों किनारों तक बनाई गई सड़क में इतने वर्ष के अन्दर बनाई गई सड़क पर अनगिनत रेनकट बन चुके हैं। जबकि निर्मित सड़क में पांच वर्षीय अनुरक्षण का भी प्रावधान है।
संवेदक पर लोगों ने उदासीनता का लगाया आरोप
ग्रामीण बताते हैं कि सड़क का निर्माण कर गए संवेदक दोबारा लौट कर आना मुनासिब नहीं समझे। इस बीच प्रखंड क्षेत्र में कहीं नदी के दोनों किनारों तक करोड़ो की लागत से सड़क बनाकर पुल निर्माण की अनदेखी कर दी गई है तो कहीं लाखों की लागत से पुल का निर्माण कर सड़क का निर्माण ही छोड़ दिया गया है। जब तक पुल का निर्माण होगा तब तक निर्मित सड़कें जमींदोज हो जाएगी। चूंकि उक्त स्थलों पर पुल या फिर सड़क के निर्माण की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। लोगों को सरकार की सड़क नीति व व्यवस्था समझ में नहीं आ रही है। उक्त सड़क प्रखंड का अकेला सड़क मार्ग नहीं हैं जहां पुल का निर्माण नहीं हो सका है। ऐसे सड़क मार्ग वाले क्षेत्र के लोगों को घोर कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।