बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के गांव का हाल बदहाल, बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव
जिस गांव में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हुआ। जहां की धरती उनके नाम से संबोधित की जाती है। आज वो उदासीनता का शिकार है। वहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। पढ़ें पूरी खबर...
संवाद सूत्र, परबत्ता (खगड़िया)। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के नाम पर बसे सतीश नगर गांव की हालत आज बेहद खराब हो चली है। इसी गांव में पिछले साल पूर्व सीएम पंचतत्व में विलीन हुए। लेकिन यहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। पंचायत भवन खंडहर में तब्दील हो गया है। बावजूद इसके हुक्मरानों और जिम्मेदारों की निगाहें इस ओर नहीं पड़ती।
खगड़िया-भागलपुर सीमा पर एनएच 31 के किनारे दशकों पूर्व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के नाम पर बसा सतीश नगर गांव आज उपेक्षा का शिकार है। गांव की आबादी छह हजार के आसपास है। जब तत्कालीन कोरचक्का गांव गंगा की कटाव में विलीन हो गया, तो पूर्व सीएम सतीश प्रसाद सिंह के नाम पर एनएच 31 के किनारे एक गांव बसा, जिसका नाम सतीश नगर रखा गया। यह कहानी 1971-72 के आसपास की है। तब से लेकर आज तक विकास की न जाने कितनी बातें कही गई लेकिन आज उक्त गांव बदहाली के कगार पर है।
यहां की पंचायत भवन खंडहर है। सतीश- नगर कोरचक्का सड़क गड्ढे में तब्दील है। उत्क्रमित उच्च विद्यालय है लेकिन भवन का अभाव है। गांव की मुख्य सड़क बरसात में पैदल चलने लायक नहीं है। सतीश नगर गांव में एक प्राथमिक और एक मध्य विद्यालय है। मध्य विद्यालय को बीते कई वर्ष पूर्व उत्क्रमित उच्च विद्यालय का दर्जा प्राप्त हो चुका है। लेकिन उच्च विद्यालय का भवन नहीं बना है।
प्राथमिक विद्यालय सतीश नगर-कोरचक्का को भी भवन की समस्या है। पंचायत भवन जर्जर है। कोई सुधि नहीं लेने वाला है। पंचायत भवन की चौखट, खिड़की, किबाड़ भी गायब हो चुकी है। इस गांव में आधे दर्जन से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र हैं। परंतु, इसकी स्थिति दयनीय है। किसी का ध्यान नहीं है।
सौढ़ उत्तरी पंचायत की मुखिया संजना देवी ने कहा कि पंचायत भवन की बदहाली पूर्व से है। चौखट, खिड़की पहले से नहीं है। जिसको लेकर मैंने पूर्व के बीडीओ को लिखित आवेदन दिया। जहां तक कोरचक्का- सतीश नगर सड़क की बात है, तो पंचायत में फंड का दायरा सीमित है। फिर भी उच्च अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराएंगे। देखना होगा कि कब तक इस गांव की बदहाली दूर होती है और यहां की जनता अपने पूर्व सीएम के नाम पर खुशी के साथ अपना गुजर बसर अच्छे से कर पाती है।
4 नवंबर को हुआ था अंतिम संस्कार
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह का निधन 84 वर्ष की उम्र में पिछले साल 2 नवंबर को दिल्ली में हुआ था। उनका जन्म एक जनवरी 1936 को गोगरी प्रखंड अन्तर्गत कोरचक्का गांव में हुआ। वर्ष 1968 में मात्र पांच दिनों के लिए वे मुख्यमंत्री बने थे। वे दिहज 32 वर्ष की उम्र में मुख्यमंत्री बने थे। बिहार के सबसे कम दिन मुख्यमंत्री रहने का नाम रिकॉर्ड उनके नाम है। वे वर्ष 1967 में परबत्ता विधानसभा से सोशलिस्ट पार्टी की टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने। इसके बाद वर्ष 1968 में मात्र पांच दिनों के लिए राज्य के मुख्यमंत्री बने।