आमान परिवर्तन के नौ वर्ष बाद भी लंबी दूरी की रेलगाड़ी के लिए तरस रहा है किशनगंज का यह स्टेशन
आमान परिवर्तन के नौ वर्ष बाद पहली बार लंबी दूरी की नियमित ट्रेन ठाकुरगंज होकर परिचालित होने पर लोगों ने खुशियों का इजहार किया। मौके पर ठाकुरगंज विधायक सऊद आलम पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल और नगर पंचायत अध्यक्ष प्रमोद कुमार चौधरी ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।
जेएनएन, किशनगंज। आमान परिवर्तन के बाद पहली बार ठाकुरंज होकर लंबी दूरी की ट्रेन गुजरी। महानंदा एक्सप्रेस के ठाकुरगंज रेलवे स्टेशन पहुंचने पर नगर पंचायत वासियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। आमान परिवर्तन के नौ वर्ष बाद पहली बार लंबी दूरी की नियमित ट्रेन ठाकुरगंज होकर परिचालित होने पर लोगों ने खुशियों का इजहार किया। मौके पर ठाकुरगंज विधायक सऊद आलम, पूर्व विधायक गोपाल अग्रवाल और नगर पंचायत अध्यक्ष प्रमोद कुमार चौधरी ने हरी झंडी दिखा कर महानंदा एक्सप्रेस को ठाकुरगंज स्टेशन से शाम चार बजे गंतव्य की ओर रवाना किया।
नौ पूर्व इस रूट पर चलाई गई थी लोकल ट्रेन
बताते चलें कि 2006- 2007 में सिलीगुड़ी-ठाकुरगंज-अलुआबाड़ी रेलखंड का शिलान्यास के बाद 19 जुलाई 2011 को पहली बार इस रूट पर लोकल ट्रेन चलाई गई थी। जिसके बाद लगातार इस रेलखंड होकर लंबी दूरी की ट्रेनों के परिचालन की मांग विभिन्न सामाजिक संघटनो द्वारा किया जाता रहा। ठाकुरगंज रेल यात्री समिति के बैनर तले इसके लिए लंबी लड़ाई का एेलान करते हुए नौ लोग गत वर्ष ठाकुरगंज स्टेशन पर आमरण अनशन पर बैठ गए। आमरण अनशन को मिल रहे जन समर्थन के बाद भारी दबाव के बीच रेलवे प्रशासन ने आनन-फानन में सभी निरस्त लोकल ट्रेनों का परिचालन पुनः शुरू कर दिया तथा चेन्नई एक्सप्रेस एवं पहाड़िया एक्सप्रेस का ठहराव ट्रायल बेसिस पर तत्काल प्रभाव से देना आरंभ किया। हालांकि यह भी कुछ दिनों बाद बंद कर दिया गया।
रेल यात्री संघर्ष समिति वर्षों से कर रही संघर्ष
- रेल यात्री समिति के अध्यक्ष बच्छराज नखत ने बताया कि रेलवे से जुड़ी यह मांगे नौ वर्ष पुरानी है। 2011 से ही आंदोलन, अनशन, धरना, प्रदर्शन आदि किया गया। समिति के संयोजक सिकन्दर पटेल ने बताया कि इस पूरे आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाने में पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया का विशेष योगदान रहा। उनके आश्वासन पर हमलोगों ने अनशन तोड़ा और दूसरे दिन से ही उन्होंने इस होकर लंबी दूरी की ट्रेनों के परिचालन के लिए प्रयास शुरू कर दिया। उनकी ही पहल पर महानंदा एक्सप्रेस, कैपिटल एक्सप्रेस तथा कंचनकन्या एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों का परिचालन ठाकुरगंज होकर चलाने को लेकर रेलवे बोर्ड ने सक्रियता दिखाई।