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उत्क्रमित माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी, पढ़ाई पर संकट

जिले के 72 उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण शैक्षणिक व्यवस्था बेपटरी हो गई है। जाने क्या है हकीकत..

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 09:50 AM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 09:50 AM (IST)
उत्क्रमित माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी, पढ़ाई पर संकट

भागलपुर। जिले के 72 उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण शैक्षणिक व्यवस्था बेपटरी हो गई है। उक्त विद्यालयों में नौवीं-दसवीं कक्षा में नामांकित करीब 10 हजार छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटकता दिख रहा है।

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सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि 32 मध्य विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालयों में उत्क्रमित कर दिए जाने के बाद भी सरकार चालू सत्र में पढ़ाई व्यवस्था शुरू नहीं करवा पाई है। शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार के निर्देश पर आयुक्त, डीएम सहित डीईओ द्वारा लगातार स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है। जहां उन्हें स्कूल प्रधानों एवं छात्रों से शिक्षकों की कमी की शिकायत मिल रही है।

स्कूलों में विषय वार शिक्षक नहीं है, जिससे पढ़ाई नहीं होती है। हालांकि ऐसे स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद सरकार ने शुरू की है। नियमित शिक्षकों की बहाली होने तक जरूरत के हिसाब से अतिथि शिक्षकों की सेवा लेने की योजना बनाई गई है। इस बाबत सभी जिलों के डीपीओ स्थापना से जरूरतमंद शिक्षकों की सूची मांगी थी। जिला शिक्षा विभाग से 131 अतिथि शिक्षकों की जरूरत बताई गई है। लेकिन ऐसे शिक्षकों की सेवा कब से और कैसे ली जाएगी। इनका चयन कैसे होगा। इस तरह की कोई गाइड लाइन सरकार ने अभी जारी नहीं की है। नतीजतन योजना अभी सरकार के फाइलों में ही दबी हुई है।

जिला शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना की माने तो सरकार से हरी झंडी मिलते ही जल्द 131 अतिथि शिक्षकों की बहाली की जाएगी। ताकि शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़ की जा सके।

भागलपुर में विषय वार यूं होगी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति

अंग्रेजी - 66

गणित - 34

विज्ञान - 31

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मिडिल स्कूल के शिक्षकों पर टिकी है पढ़ाई

उत्क्रमित माध्यमिक स्कूलों के लिए सरकार ने पांच शिक्षक एवं एक हेडमास्टर का पद तो स्वीकृत कर दिया पर आज तक उसकी बहाली नहीं हो पाई। ऐसे स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी मिडिल स्कूल के शिक्षकों पर ही टिकी हुई है। विषय वार शिक्षकों के नहीं होने से वहां के छात्रों की पढ़ाई भी भगवान भरोसे चल रही है। ऐसे स्कूलों में कही अंग्रेजी के शिक्षक है तो गणित के नहीं। विज्ञान की पढ़ाई तो भगवान भरोसे है। करीब आठ हजार छात्र-छात्राओं का कैरियर कैसे इन स्कूलों में संवारी जा रही होगी इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

32 उत्क्रमित माध्यमिक स्कूलों में नहीं हो रही पढ़ाई

चालू सत्र 2018-19 में सरकार ने डीएम की अनुशंसा पर 32 मिडिल स्कूलों को माध्यमिक स्कूलों में उत्क्रमित तो कर दिया पर वहां अब तक पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है। इस संबंध में डीपीओ माध्यमिक शिक्षा नीलिमा कुमारी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी दूर करने की कवायद सरकार स्तर पर चल रही है। वहां भी पढ़ाई जल्द शुरू की जाएगी।


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