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बरसात में बच्चों की सेहत का रखें विशेष ख्याल, जानिए... क्या कह रहे चिकित्सक Bhagalpur News

बरसात के मौसम में बच्चों में बीमारियों की संभावना बढ़ जाती हैं। इन बीमारियों में फ्लू वायरल फीवर दस्त पीलिया टायफायड आदि शामिल हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 02:55 PM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2019 03:00 PM (IST)
बरसात में बच्चों की सेहत का रखें विशेष ख्याल, जानिए... क्या कह रहे चिकित्सक Bhagalpur News
बरसात में बच्चों की सेहत का रखें विशेष ख्याल, जानिए... क्या कह रहे चिकित्सक Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। दैनिक जागरण कार्यालय में प्रश्न पहर का आयोजन किया गया। इस दौरान जेएलएनएमसीएच शिशु रोग विभाग में पदस्थापित सहायक प्राध्यापक एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अंकुर प्रियदर्शी ने फोन के माध्यम से पाठकों के सवालों का समाधान किया। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में बच्चों में बीमारियों की संभावना बढ़ जाती हैं। इन बीमारियों में फ्लू, वायरल फीवर, दस्त, पीलिया, टायफायड आदि शामिल हैं। इसके अलावा मच्छरों के डंक से मलेरिया और डेंगू होने की संभावना रहती है। फ्लू या वायरल फीवर में बुखार के साथ जुकाम, शरीर में दर्द और हल्का सिर में दर्द होता है। तीन-चार दिनों में मरीज ठीक हो जाता है। इस बीमारी में केवल पारासीटामोल दवा दी जाती है, एंटीबायोटिक दवा देने की आवश्यकता नहीं रहती। अगर पांच दिनों से ज्यादा बुखार, उल्टी या पेट दर्द या सिर में चक्कर आ रहा हो तो डॉक्टर से दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा अगर मां दूध पिलाने के बाद बच्चे को कंधे पर सुलाकर पीठ थपथपाए तो डकार गैस के रुप में निकलती है और बच्चे को आराम मिलता है। इससे बच्चे को नींद भी खूब लगती है। बच्चे को बाहर की खाद्य सामग्री नहीं खिलानी चाहिए। मां का दूध सर्वोत्तम आहार है। इससे बच्चों को प्रतिरक्षण क्षमता में विकास होता है। चिकित्सक के मुताबिक बच्चों को जब भूख लगती है तो वह खाना मांगेगा। वैसे भी चार से आठ वर्ष तक बच्चे का विकास धीरे-धीरे होता है साथ ही भूख भी कम लगती है। उम्र बढऩे के साथ ही सबकुछ सामान्य हो जाता है।

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प्रश्न : छह वर्ष की लड़की है। बार-बार पेशाब करती है। - प्रदीप कुमार साह, मोहनपुर

पेशाब करने वक्त बीच में कुछ क्षणों के लिए रोक दें। यह एक तरह का व्यायाम है। शाम के बाद ज्यादा पानी नहीं पिलाएं। वैसे संक्रमण भी हो सकता है। डॉक्टर से जांच करवा लें।

प्रश्न : 14 वर्ष का बेटा है। पांच दिनों से उसे बुखार है। सर्दी-खांसी भी है। - पप्पू मंडल, इसाकचक

गले का संक्रमण भी हो सकता है। चिकित्सक से दिखा लें।

प्रश्न : 12 वर्ष की बेटी है। पेट दर्द रहता है, साथ ही पांच दिनों से सर्दी और बुखार भी है। - नंदन कुमार, पीरपैंती

टायफायड या गले का संक्रमण हो सकता है। अस्पताल में इलाज करवा लें।

प्रश्न : 13 वर्ष का नाती है। पेशाब करता है तो दुर्गंध ज्यादा होता है। - सुबोध, भीखनपुर

प्रतिदिन तीन लीटर पानी पिलाएं। कम पानी पीने से ही पेशाब में जलन और दुर्गंध होता है। यह कोई बीमारी नहीं है।

प्रश्न : दो वर्ष का बच्चा है। रात में दांत किटकिटाता है। - संगीता, नाथनगर

उम्र बढऩे पर यह अपने आप ठीक हो जागा। इसके लिए दवा खिलाने की आवश्यकता नहीं है।

प्रश्न : तीन वर्ष लड़का है। आए दिन सर्दी-खांसी से परेशान रहता है। - रेणु कुमारी, नाथनगर

एलर्जी की वजह से ऐसा हो रहा है। छह-सात वर्ष की उम्र होने पर यह ठीक हो जाएगा।

प्रश्न : 25 दिन का बच्चा है, रात में ज्यादा रोता है और शौच कई बार करता है। - रानी, पीरपैंती

नवजात का पांच से 10 बार प्रतिदिन शौच करना सामान्य बात है। रात में नहीं सोने की वजह दिन में ज्यादा देर तक सोना भी एक वजह है। इसके अलावा एलर्जी के कारण भी रात में नाक बंद होने से बच्चा छटपटाता है।

प्रश्न : 20 माह का लड़का है। सर्दी भी रहती है और रात में सोता नहीं है। - श्रीकांत सिंह, अकबरनगर

वायरल डिजिज है। साधारण फ्लू है। सर्दी-जुकाम की दवा दें। पूरी तरह ठंड प्रारंभ होने के पूर्व फ्लू का टीका दिलवा दें। पांच वर्ष की उम्र तक प्रत्येक वर्ष फ्लू का टीका लगवाना चाहिए।

प्रश्न : 21 माह का लड़का है, जिद्दी है। घर का सामान फेंक देता है, पैंट में पेशाब भी करता है। - गौरी , नवगछिया

उम्र के मुताबिक बच्चा जो कर रहा है वह सामान्य बात है। उम्र बढऩे के साथ ही वह समझदार भी होने लगेगा। कैल्शियम का सीरप पिलाएं।

प्रश्न : 11 माह का बच्चा है। शाम में उसे तेज बुखार हो गया है। दवा से भी फायदा नहीं हुआ है। - संजीत कुमार, कहलगांव

वायरल बुखार है, ठीक हो जाएगा। पानी ज्यादा पिलाएं। सुबह-शाम बच्चे को ठंड से बचाएं।

प्रश्न : चार वर्ष का बच्चा है, खाना नहीं खाना चाहता। - प्रदीप सिंह, खरीक

चार से आठ वर्ष तक बच्चे के विकास की गति धीमी हो जाती है। उसे भूख भी कम लगती हे। मां का दूध पिलाएं, बाजार की खाद्य सामग्री नहीं खिलाएं।

प्रश्न : एक माह का बच्चा है। रोता ज्यादा है। - निरंजन , अकबरनगर

जन्म से मीन माह तक बच्चों में नाक बंद रहने की समस्या सामान्य है। इससे बच्चे को सोने में परेशानी होती हे। दिन में बच्चा ज्यादा सोता है। रात में कम। रात में बच्चों के नाक बंद ज्यादा रहता है।

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