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साइबर शातिर खेल रहे पुलिस से आंखमिचौली

साइबर ठगी में कुख्यात जामताड़ा माडल के शातिर अब सिल्क सिटी को भी अपने आगोश में लेने को आतुर हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 01:06 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 06:18 AM (IST)
साइबर शातिर खेल रहे पुलिस से आंखमिचौली

भागलपुर। साइबर ठगी में कुख्यात जामताड़ा माडल के शातिर अब सिल्क सिटी को भी अपने आगोश में लेने को आतुर हैं। हर दिन किसी न किसी को शिकार बना रहे हैं। साइबर शातिर पुलिस से आंखमिचौली का खेल खेल रहे हैं। पहले ठग बैंक अधिकारी बन कर लोगों को चूना लगाते थे। पर, अब शातिर क्यूआर कोड को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। क्यूआर कोड स्कैन करते ही खाते से रुपये गायब हो जाते हैं। इस तरह आप तक पहुंच रहा शातिर

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घर में पुराने फ्रिज, कूलर, सोफा, बेड आदि बेचने के लिए लोग एप का लोग इस्तेमाल करते हैं। इसके जरिए खरीदार लोगों से संपर्क साधते हुए सामान की कीमत तय करते हैं। विक्रेता से रिस्पांस मिलते ही साइबर शातिर सक्रिय हो जाते हैं। अग्रिम राशि के रूप में कुछ रुपये भी विक्रेता को चारे के रूप में भेज देते हैं। इसके बाद सामान खरीदने के लिए बची हुई रकम को देने का असली खेल शुरू होता है। रकम के ट्रांजक्शन करने के लिए खरीदार की तरफ से एक क्यूआर कोड जेनरेट कर भेजा जाता है। विक्रेता को मालूम होता है कि उस कोड के जरिए उसे आसानी से रकम मिल जाएगी। इसलिए वह खरीदार के झांसे में आकर क्यूआर कोड स्कैन करता है। जागरण सुझाव और बचाव के तरीके

साइबर एक्सपर्ट शुभम दुबे ने बताया कि क्यूआर कोड का इस्तेमाल केवल भुगतान के लिए होता है। इस कोड के स्कैनिंग से लोगों को बचना चाहिए। संदिग्ध पते से आए आई ई-मेल, व्हाट्स एप मेसेज, टेक्स्ट मेसेज का जवाब ही नहीं दें। सोशल मीडिया पर दोस्तों से मिले लिंक पर क्लिक करने से पहले पड़ताल कर लें। अनजान स्त्रोतों से मिले कोई भी लिंक को स्वीकार ना करें। साइबर कैफे में इंटरनेट बैंकिंग का प्रयोग कतई न करें। गूगल पर हेल्पलाइन नंबर कभी सर्च ना करें। अपडेटेड वर्जन के साफ्टवेयर का इस्तेमाल करें, पायरेटेड नहीं। वेबसाइट पर लॉगआन करते हैं तो लॉगआउट करना नहीं भूलें।

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केस-1

जीरोमाइल निवासी व्यवसायी भवेश कुमार के मोबाइल पर सिलीगुड़ी से काल आया कि उसे मसाला खरीदना है। फिर उसने क्यूआर कोड भेजा। फोन पर यह भी बताया गया था कि कोड रिसीव करते ही रकम आ जाएगा। भवेश ने जैसे ही उसे ओपन किया उसके खाते से क्रमश: 10-10 हजार रुपये कट गए। केस-2

कजरैली निवासी हिमांशु शेखर के मोबाइल पर भी कोलकाता का आम कारोबारी बता फोन आया। उसे भी क्यूआर कोड भेजा गया। बताया गया कि रिसीव करते ही रकम मिल जाएगी, लेकिन ओपन करते ही रकम आने के बजाय तत्काल उसके खाते से भी 10-10 हजार रुपये कट गए।


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